हल्द्वानी: शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे उत्तराखण्ड के लिए खुशी लेकर आए। पहाड़ के बच्चों ने एक बार फिर अपने परिश्रम से अपने संघर्ष की ऐसी कहानी लिखी जो पीढ़ी के लिए उदाहरण बन उन्हें दशकों तक प्रेरित करेगी। उन्होंने अपने परिश्रम से दिखाया कि कुछ पाने के लिए काफी कुछ खोना पड़ता है। यूपीएससी नतीजों मे साबित किया कि उत्तराखण्ड का युवा अपने नाम के साथ राज्य के नाम को भी आगें बढ़ा रहा है।
यमकेश्वर के वर्णित नेगी ने देशभर में 13वीं रैंक हासिल कर पूरे देश में राज्य का नाम रोशन किया है। वर्णित ने विलासपुर डीएवी हाईस्कूल किया। उसके बाद परीक्षाओं की तैयारी को देखते हुए उन्होंने कोटा जाने का फैसला किया। उन्होंने वहां इंटर के साथ कोचिंग की।
इसके बाद उनका चयन एनआइटी सूरतकल मैसूर कर्नाटक में हुआ और उन्होंने वहां सीविल ट्रेड से बिटेक किया। इसी दौरान वो सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए। खास बात यह रही कि उन्होंने अपने ही प्रयास में 504वीं रैंक हासिल की थी।
उनकी नियुक्ति रेलवे में सहायक आयुक्त सुरक्षा के पद पर हुई। मगर, वर्णित इतने पर खुश नहीं हुए। उन्होंने पुनः तैयारी की और दूसरे प्रयास में पूरे देश में आईएएस की परीक्षा में 13वां स्थान हासिल किया। वर्णित के पिता देवेन्द्र सिंह नेगी इंटर कॉलेज परसदा विलासपुर, छत्तीसगढ़ में प्रधानाचार्य के पद पर है, जबकि माता सीमा नेगी राजकीय महाविद्यालय विलासपुर में प्रवक्ता है। वर्णित के बड़ा भाई डा. अंकित नेगी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं।
वहीं अल्मोड़ा की सौम्या गुरुरानी ने परीक्षा में ऑल इंडिया 30वीं रैंक हासिल कर राज्य का नाम रोशन किया है। इससे पहले भी अपने परिश्रम से पहाड़ की बेटी ने राज्य का नाम रोशन किया है। सौम्या ने गत वर्ष पहले सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 148वीं रैंक हासिल की। इसके बाद उत्तराखंड पीसीएस-2012 परीक्षा में प्रदेश में टॉप किया।