हल्द्वानी: राज्य में सड़क हादसों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। मामला हरिद्वार से सामने आ रहा है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक जेपी पांडे (शिवा कॉलोनी निवासी) की सड़क हादसे में मौत हो गई। वह स्कूटी में किसी शादी में शिरकत होने के जा रहे थे और इसी दौरान एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी।
इस घटना के बाद उनके परिवार और कांग्रेस परिवार में कोहराम मच गया है। राजनीतिक जानकारों ने उनकी मौत को बड़ी राजनीतिक क्षति बताया है। जेपी पांडे चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष भी थे। हरिद्वार में वह काफी सक्रिय थे। वह अपने पीछे पत्नी एक बेटा और दो बेटी छोड़ गए। सभी बच्चों की शादी हो गई है।
खबर के मुताबिक सड़क हादसा बीती रात जटवाड़ा पुल के पास हुआ। जेपी पांडे अपनी परिचित महिला रश्मि चमोली और उनकी बेटी के साथ शादी में जा रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रही कार ने उन्हें टक्कर मार दी। जिस कार से यह हादसा हुआ वह संविदा पर कार्यरत सरकारी चिकित्सक हिसार निवासी डॉ. सनी कोहर की है। कोतवाली ज्वालापुर प्रभारी योगेश देव ने बताया कि जेपी पांडे ने रश्मि चमोली को पुल जटवाड़ा से बैठाया था। थोड़ी दूर चलते ही हादसा हो गया। सूचना के बाद के पुलिस तीनों को भूमानंद अस्पताल लेकर गई लेकिन कुछ देर इलाज के बाद जेपी पांडे की मौत हो गई बल्कि अन्य दो घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि डॉक्टर सनी कुछ दिन पहले तक उत्तरकाशी में थे। उनका तबादला पौड़ी हो गया था लेकिन हेल्थ अच्छी नहीं होने के वजह से उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। सनी बीती रात पौड़ी में ज्वाॅइनिंग देने के लिए जा रहा था, तभी यह हादसा हो गया। सनी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। कोतवाली प्रभारी का कहना है कि अभी तक तहरीर नहीं मिली है। उसके बाद ही मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
कौन थे जेपी पांडे
जेपी पांडे उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए गठित की गई संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवक्ता भी रहे।
जेपी पांडे उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए गठित की गई संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवक्ता भी रहे। राज्य गठन के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
वह उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के सक्रिय नेता थे और जिला महामंत्री रहे थे।
उन्होंने अपना अलग से
उत्तराखंड क्रांति मंच के नाम से संगठन बनाया।
वह अभी भी उत्तराखंड क्रांति मंच के केंद्रीय अध्यक्ष थे।
जेपी पांडे हरिद्वार में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के कर्मचारी थे। जहां से करीब पांच साल पहले वह सेवानिवृत्त हुए थे
पिछले दिनों गढ़वाल में उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि से भी नवाजा गया था।