हल्द्वानी: कोरोना लहर से उत्तराखंड को आर्थिक रूप से करोड़ों का नुकसान हुआ है। इसके चलते महंगाई भी बढ़ी है। वहीं कोरोना वायरस के चलते हजारों लोगों की नौकरी गई है और उनकी परेशानी दोगुनी हो गई है। बीते अप्रैल और मई में तो उत्तराखंड की महंगाई दर देश से अधिक बढ़ी है। पूरी लिस्ट पर गौर करें तो उत्तराखंड राज्य में अप्रैल से मई महीने के मध्य महंगाई की मासिक वृद्धि दर 1.85 प्रतिशत रही। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर मासिक वृद्धि दर 1.64 प्रतिशत रही है।
वहीं अन्य राज्य में महंगाई दर के आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं। दिल्ली (1.57 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (1.17), जम्मू और कश्मीर (1.41), चंडीगढ़ (0.06), गुजरात (1.65), हरियाणा (1.64) पंजाब (1.69) और राजस्थान (1.42 प्रतिशत) रही। जबकि उत्तर प्रदेश में पिछले एक महीने में वस्तुओं के मूल्यों में 2.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
उत्तराखंड के गांवों में अप्रैल से मई में महंगाई 1.73 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 2.03 प्रतिशत की दर से बढ़ी। भारत में मुद्रा स्फीति दर 1.64 रही तो शहर में महंगाई दर 2.25 प्रतिशत रही और गांव में 1.73 रही है।
महंगाई के मामले पर विपक्ष सरकार को निशाने पर ले रहा है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार महंगाई को नियंत्रण में रखने पर नाकाम रही है। राज्य की महंगाई दर महानगरों से भी ज्यादा रही है जो अब राष्ट्रीय औसत से भी आगे निकल गई है। दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष का कहना है कि पेट्रो उत्पादों पर वैट राज्य सरकार ने कम किया है। सरकार के स्तर पर नियंत्रण करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड में दूसरे राज्यों की तुलना महंगाई नियंत्रण में है।