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बहादुरी को नमन:अपनी जान पर खेल कर लोगों को उत्तराखण्ड के इस सपूत ने दिया है नया जन्म


हल्द्वानी: पुलिस और सेना के जवान 24 घंटे अपने देश और लोगों की रक्षा करते है। हम इनकी सेवा के कारण ही चैन से रह पाते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर हम आपकों पुलिस के ऐसे जवान से मिला रहे है जिसने अपनी जान को जोखिम में डाल कर लोगों को नया जीवन दिया है। वह गाजियाबाद, नोएडा, पिथौरागढ़, देहरादून, लोहाघाट, चमोली में भी सेवाएं दे चुके है। उनका नाम है इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत। इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत को जब भी जिम्मेदारी सौंपी गई है उन्होंने विभाग का मान बढ़ाया है। वह हत्या करने के जघन्य अपराध के अभियुक्तों को फांसी की सजा भी दिलवाई है।  बहादुरी के चलते वह दो बार राज्यपाल पुरस्कार पा चुके हैं। बड़े-बड़े सीनियर भी इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत की बहादुरी का लोहा मानते हैं।

साल 2004 में इंस्पेक्टर विपिन चंद्र पंत ने जो किया वो केवल एक कुशल सोच वाला ही कर सकता है। बनबसा के गड्ढा चौकी में छेड़खानी करने पर नेपाल के माओवादियों ने हरियाणा के दो पर्यटकों का अपहरण कर लिया था। विपिन चंद्र पंत ने पर्यटकों की जान बचाने का जिम्मा उठाया। वो वेश बदलकर माओवादियों के बीच पहुंचे और पर्यटकों को छुड़ाया।

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इसके अलावा साल 2012 में  बिंदुखत्ता में घर से गायब हुई लड़की के शव बरामद होने के बाद उन्होंने केस की गुत्थी को सुलझाया।  डीएनए जांच के बाद उन्होंने आरोपी दीपक पकड़ को पकड़ा। इसके बाद 28 फरवरी 2014 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना तिवारी ने दीपक को दुष्कर्म, हत्या व अन्य धाराओं में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई।

साल  2014 को काठगोदाम में एक शादी में पिता के साथ आई छह साल की बच्ची गायब हो गई। इस घटना के बाद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन निकाला गया और हालात नाजुक होने लगे थे। एक बार फिर विपिन चंद्र पंत ने इस केस को अपने हाथों में लिया और आरोपी डंपर चालक अख्तर अली व दो अन्य को गिरफ्तार किया गया। अख्तर अली को जिला कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।

वहीं पिछले साल जनवरी में नैनीताल जिले में मंगोली चौकी क्षेत्र में शव मिला। सोशल मीडिया की मदद लेकर विपिन चंद्र पंत ने मामले का खुलासा किया। मृतक की पहचान मनोज चौधरी निवासी टांडा अमरपुर थाना
बिलारी मुरादाबाद की हत्या उसके भाई ने साथियों के साथ मिलकर की थी।

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