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विदेश में पहाड़ी पावर दिखाने के बाद देवभूमि पहुंचा बेटा लक्ष्य सेन, किया गया सम्मान


 हल्द्वानी: डिस्ट्रिक्ट बैटमिंटन एसोसिएशन द्वारा डीएसडी हाॅल हल्द्वानी में आयोजित सम्मान समारोह में 53 साल बाद एशियन जूनियर बैडमिंटन चैम्पियन बनने पर लक्ष्य सेन को सम्मानित किया गया।  अपर निदेशक प्रशिक्षण प्रकाश चन्द्र एंव सिटी मजिस्टेट पंकज उपाध्याय ने कहा कि खेलों का हमारे चहुमुखी एवं बहुआयामी विकास में बहुत बड़ा योगदान रहता है। लक्ष्य सेन ने अपनी प्रतिभा से देश के साथ ही प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। इससे राज्य के युवाओं को खेलों में और बेहतर अवसर प्राप्त हो सकेंगे। हमारे बच्चों में खेलों के हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने का जज्बा है। खेल कोई भी हो, उनमें हमारे युवाओं का उत्साह देखते ही बनता है।  इस अवसर पर परमजीत सिह संटी, महेश शर्मा,नवीन शर्मा, मुकेश पाल, किशोर जोशी योगेश शर्मा साथ ही लक्ष्य सेन के माता पिता एवं कोच के साथ ही अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

बता दें कि लक्ष्य ने एशिएयन जूनियर बैंडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में शीर्ष वरीय वितिदसर्न को 46 मिनट तक चले करीबी मुकाबले में 21-19, 21-18 से शिकस्त देकर एशियन जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। उनसे पहले 1965 में गौतम ठक्कर ने जूनियर स्तर पर पुरुष सिंगल्स में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक दिलाया था। उसके बाद उन्होंने ने बताया कि मेरे परिवार में ज्यादातर खिलाड़ी हैं। मेरे पिता बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं।

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परिवार ने मेरा हमेशा साथ दिया, जिसके बाद मैंने इस खेल में अपने लक्ष्य बनाने शुरू कर दिए। मैं सात साल पहले बेंगलुरु में प्रकाश पादुकोण अकादमी में गया। वहां प्रकाश और विमल सर ने मेरी ट्रेनिंग पर ध्यान दिया।जब लक्ष्य से पूछा गया कि वह चोट से परेशान होकर एशियन चैंपियनशिप में खेल रहे थे तो उन्होंने बताया कि मुझे चैंपियनशिप से पहले पैर में चोट थी जिसका इलाज मैंने करा लिया था। 16 वर्षीय लक्ष्य को अब जूनियर से सीनियर में खेलने का मौका मिलेगा। वह अगले महीने शुरू होने वाले वियतनाम ओपन में खेलने जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सीनियर स्तर पर खेलने के लिए मुझे सबसे पहले अपनी फिटनेस पर काम करना है। मेरे लिए यह एक नई चुनौती होगी लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।

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