

हल्द्वानी: राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटलों में शुमार राजकीय सुशीला तिवारी चिकित्सालय के दामन में एक बार फिर लापरवाही का दाग लगा है। इस बार डॉक्टरों की लापरवाही के कारण सुशीला तिवारी चिकित्सालय में 4 नवजात बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। इसके अलावा महिलाओं की हालात गंभीर बताई जा रही है। ये पहला मौका नहीं है तब सुशीला तिवारी के डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है।

खबर के मुताबिक 15 अगस्त की रात 4 गर्भवती महिला मरीजों को भर्ती किया गया था ,जो खटीमा, लालकुआं और बनबसा की रहने वाली थी। परिजनों ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल प्रशासन ने बिना कोई बात बताए और कागज पर साइन कराए रात के 2:00 बजे ऑपरेशन करके डिलीवरी की गई है, उसके बाद चारों बच्चों की एक साथ मौत हो गई। इस मामले के सामने आते ही आधी रात प्रशासन में हड़कंप मच गया । बच्चों की मौत का पता चला तो उन लोगों ने जमकर हंगामा काटा ।
परिजनों का आरोप है कि यहां काम करने वाले अपने आप को अफसर समझते है और अपने दायित्व को एक अहसान समझते है। उन्होंने उन पर गालियां देने का भी आरोप लगाया। वहीं परिजनों ने कहा कि जूनियर डॉक्टर के द्वारा महिला महिला मरीजों का ऑपरेशन किया गया है,जिसकी लापरवाही के कारण बच्चों की मौत हो गई हैं।अब सवाल ये उठता है कि जिस अस्पताल में आने वाला हर शख्स डॉक्टर को भगवान समझता है लेकिन अगर हॉस्पिटल पर इस तरह आरोप व हादसे होते रहेंगे तो वो कहा जाएगा। इस तरह के कई सवाल एटीएच प्रशासन के सामने कई महीनों से खड़े हो रहे है, जिनका जवाब अभी नहीं मिल पाया है।






