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हल्द्वानी जेल में मनाया गया घुघुतियां त्योहार,कैदियों ने जमकर किया पहाड़ी गीतों पर डांस


हल्द्वानी: पूरा उत्तराखंड उत्तरायणी के त्योहार को मना रहा है। कुमाऊं में इस त्योहार को घुघुतियां त्योहार के नाम से जाना जाता है। सुबह सुबह घुघुतियां माला को कौवें को खिलाकर त्योहार की शुरुआत होती है। इस मौके पर घरों पर तमाम प्रकार के पकवान भी बनते हैं। वहीं कई स्थानों पर विख्यात उत्तरायणी मेले का आयोजन भी होता है लेकिन इस साल कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मेले का आयोजन स्थगित कर दिया गया, इस लिस्ट में हल्द्वानी भी शामिल हैं, जहां वर्षों से उत्थान मंच मैदान पर मेला लगता है। घुघुतियां त्योहार केवल घर पर बैठे लोगों ने ही नहीं बल्कि जेल में बंद कैदियों ने भी बनाया है।

वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य हर बार कुछ नया लेकर आते हैं। कैदियों को एक आम जीवन देना उनकी प्राथमिकताओं में रहता है,जिससे वह मानसिक रूप से मजबूत हो पाए। हल्द्वानी जेल में खेल व रामलीला का भी आयोजन हो चुका है, जिसमें कैदी भाग लेते हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को हल्द्वानी जेल में घुघुतियां त्योहार धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान जेल परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें पहाड़ी, बॉलीवुड व रैप गीतों पर जेल में बंद कैदियों ने डांस किया। कैदियों के बीच वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य भी थिरकते नजर आए।

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कोरोना काल की वजह से इस साल हल्द्वानी में उत्तरायणी मेले का आयोजन नहीं किया गया है। इससे लोक संस्कृति से जुड़े लोंगो को मायूसी है। वहीं इस साल जेल प्रशासन ने कैदियों के लिए घुघुतिया त्यौहार मनाने की पहल ने हर किसी का दिल जीत लिया। गुरुवार शाम से कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी जेल परिसर में चल रही थी। रात में जेल में बंद कैदियों ने सामूहिक रूप से घुघुते बनाएं और सुबह इन्हें रीति रिवाज के साथ कौवें को खिलाया।

इस मुहिम के बारे में उपकारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया जेल में अलग-अलग धर्म व समुदाय के लोग रहते हैं। हमारी कोशिश रहती है कि कैदियों को धार्मिक कार्यक्रमों से जोड़कर मनोदशा परिवर्तित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे वह अलग-अलग संस्कृति के बारे में जान पाते हैं। उन्होंने बताया कि इस समय जेल में 12 सो से अधिक कैदी हैं। 

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