देहरादून: जल संस्थान और जल निगम स्मार्ट शहरों की तरह उत्तराखंड के अर्ध नगरीय क्षेत्र में वाटर मीटर लगाने की तैयारी कर रहा है। यह प्लान 2023 के लिए हैं। वाटर मीटर लगने के बाद जिस तरीके से घर का बिजली बिल आता है उसी तरीके से पानी का बिल भी आएगा। जितना पानी लोग खर्च करेंगे उस हिसाब से उन्हें बिल देना होगा। इससे पानी की बचत भी होगी।
आपकों बता दें कि उत्तराखंड पेयजल कार्यक्रम के तहत जिला देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल के अर्ध नगरीय क्षेत्रों के घरों में वाटर मीटर लगाए जाने की तैयारी चल रही है। प्रोजेक्ट के लिए 975 करोड़ का बजट वर्ल्ड बैंक दे रहा है। इसमें कंस्ट्रक्शन के कार्य पर 877 करोड़ का बजट जल संस्थान और जल निगम खर्च करेगा। 623 करोड़ का बजट जल निगम को तो 254 करोड़ का बजट जल संस्थान को दिया गया है।
पेयजल निगम के महाप्रबंधक और प्रभारी विश्व बैंक परियोजना केके रस्तोगी ने बताया कि पहले चरण में देहरादून के मेहूवाला क्लस्टर क्षेत्र में मार्च महीने से वाटर मीटर लगाने का कार्य शुरू होगा। घरों में 24 घंटे पानी की सप्लाई दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मीटर लगने के बाद पानी की बर्बादी नहीं होगी। यह राज्य में जागरूकता भी फैलाएगा।
उन्होंने साफ कि लोगों पर पानी के बिल का कोई भी अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। पानी का बिल किलो लीटर (1000 लीटर) के हिसाब आएगा। 20 किलो लीटर पानी के इस्तेमाल पर मिनिमम एक चार्ट के तहत त्रैमासिक बिल आएगा और अगर पानी का इस्तेमाल इससे ज्यादा होता है तो निर्धारित स्लैब के तहत बिल बढ़ता चला जाएगा।