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जानलेवा टाइफाइड का होम्योपैथिक इलाज ( वीडियो टिप्स)

हल्द्वानी: बुखार के कई प्रकार होते है। टाइफाइड भी उसी में से एक है। टाइफाइड से ग्रस्त रोगी के शरीर में कमजोरी आ जाती है। हल्द्वानी साहर क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने बताया कि एक बार यह टाइफाइड बुखार किसी व्यक्ति को हो जाए तो फिर उसका शरीर पहले जैसा नहीं रह जाता। उस शरीर की कार्य प्रणाली बहुत कमजोर हो जाती हैं। औसतन माने तो हमारे देश में लाइफ में एक बार हर व्यक्ति को यह होता है। अक्सर देखा जाता है कि टाइफाइड का सही उपचार नहीं मिलने से रोगी की मौत भी हो जाती है। डॉक्टर पांडे ने बताया कि कोई भी बुखार अगर 5-7 दिन से अधिक रहता है तो वह टाइफाइड में तब्दील हो जाता है। उन्होंने इससे बचने के लिए होम्यौपैथिक दवाएं बताई।

  • Typhoidinum 200 ( 5-5 बूंदे दिन में दो बार )
  • Arnica 30 CH (2-2 बूंदे दिन में तीन बार )
  • Baptisia Tinctoria ( 10-10 दिन में तीन बार )
  • BC 11 ( बुखार आने पर )
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