देहरादूनः जम्मू-कश्मीर में पुलवामा मुठभेड़ में शहिद हुए उत्तराखंड के मेजर विभूति ढौंडियाल के पार्थिक शरीर को सोमवार की शाम देहरादून उनके निवास स्थान में लाया गया। जहाँ मेजर की शहादत की खबर सुनकर पहले ही परिजन व पड़ोसी पहले ही पहुच गये थे। मेजर का अतिम संस्कार मंगलवार कर अतिम विदाई दी। मेजर का अंतिम संस्कार हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट में किया गया। जहाँ मेजर के चाचा जगदीश प्रसाद ने उन्हें मुखाग्नि दी । पुलवामा में दो दिन के भीतर उत्तराखंड ने अपने दो मेजर खो दिये है। जिसके बाद से भारत के हर देश प्रेमी जवान की शहादत से आतंकियो के खिलाफ भारत के लोग आक्रोशित है। मेजर विभूति ढौंढियाल के परिवार में दादी, माँ और पत्नी है। साल 2015 में मेजर के पिता का निधन हो गया था। मेजर को अंतिम विदाई देने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित थे। जहां सेना के जवानों के कंधे पर तिरंगे से लिपटे ताबूत में घर पहुंचे बेटे को देखकर परिजन बिलख पड़े। सुबह से जहां सन्नाटा पसरा था, वहां एकाएक कोहराम मच गया। वहां मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई।
दअरसल 14 फरवरी से जम्मू-कश्मीर में हालात बिगड़े हुए है। 18 फरवरी के दिन जब भारत के जवानों को पता चला की एक घर में कुछ आतंकी छुपे हुए है। जिसके बाद मेजर विभूति ढौंढियाल अपने साथियों के साथ वहां पहुंचें जवानों को देख आतंकियों ने जवानों पर गोलीयां चलानी शुरू कर दी । जिसके जवाब में भारत की ओर से भी गोली चलाई गई। यह जंग करीब 13 घंटे चली जिसमें भारत ने अपने मेजर के अलावा 3 जवान और खो दिये । मेजर का पार्थिक शरीर सोमवार को देहरादून लाया गया और आज मंगलवार को मेजर को अंतिम विदाई दी गई। मेजर की पत्नी दिल्ली में जाॅब करती है। मेजर की पत्नी सोमवार को अपने घर से ड्यूटी के लिए निकली तो उन्हें ये दुखद समाचार रास्ते में मिला । तो वहीं मेजर की बहन को स्कूल में पढ़ाते वक्त उनकी शहादत के बारे में पता चला।