हल्द्वानी। ओलंपिक में भारत पी.वी सिंधू से गोल्ड की आस लगाए बैठा था लेकिन स्पेन की कैरोलिना मारिन ने 121 करोड़ भारतीयों का दिल तोड़ दिया। लेकिन जो खेल पी.वी सिंधू ने पूरे ओलंपिक में दिखाया और जिस साहस के साथ उन्होंने दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी का मुकाबला किया उसे पूरी दुनिया आज सलाम कर रही है। मैच की शुरू होने से पहले कैरोलिना मारिन का पक्ष एकतरफा माना जा रहा था लेकिन सिंधू ने पहले सेट को 21-19 से जीत कर दुनिया को अद्भूत खेल का नमूना पेश कर भारतीय देशवासियों को खुशी मनाने का मौका दे दिया। हालांकि पहले कैरोलिना मारिन ने नंबर वन खिलाड़ी की परिभाषा देते हुए दूसरे सेट को 21-12 और दूसरा सेट 21-15 से जीत कर स्वर्ण पदक को अपने नाम कर लिया। भारतीय फैंस को गोल्ड ना जीतने का मलाल तो है लेकिन वो सिंधू के प्रयास को स्वर्ण मेडल से ऊपर देखते है। सिंधू के पदक जीतने का जश्न उनके फाइनल में पहुंचते ही शुरू हो गया था। रजत पदक जीतने के साथ सिंधू ने भारत के लिए इतिहास रच दिया। भारत के लिए पहली बैटमिन्टन खिलाड़ी बनी जिन्होंने ओलंपिक फाइनल में जगह बनाई थी। इसके साथ ही वो भारत के लिए ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली महिला भारतीय खिलाड़ी बनी।सिंधू की कामयाबी के पीछे जीतनी मेहनत उनकी है उतनी ही उनके गुरू गोपीचंद की। सालों से भारत को मेडल जीताने के प्रयास कर रहे गुरू गोपी को पूरा देश सलाम कर रहा है। सिंधू के पदक जीतते ही भारतीयों ने उन्हें अपने ही अंदाज में बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ट्वीट कर कहा कि सिंधू ने भारत को गर्व महसूस करवाया है उनकी जीतनी तारीफ की जाए उतनी कम। वही बॉलीवुड के खलनायक अमिताभ बच्चन ने तो सिंधू को बधाई देने के साथ ही शोभा डे के बयान पर व्यंग कसा। शोभा डे ने कुछ दिन पहले बोला था कि भारतीय खिलाड़ियों को ओलंपिक में भेजना पैसों की बर्बादी है और खिलाड़ी वहा सेल्फी लेने के लिए गए है।अमिताभ ने इस बयान का पलटवार बड़े ही मजाकिया ढंग से किया। उन्होंने कहा कि सिंधू आपको पदक जीतने की बधाई और आपके भारत आने के बाद में आपके साथ एक सेल्फी लेना चाहूंगा।
पी.वी सिंधू ने उन लोगों के मुंह पर तमाचा मारा है जो महिलाओं को कमजोर समझते है। सिंधू ने साबित कर दिया कि अगर बेटियों को कोई मंच दिखाना वाला मिल जाए तो वो कुछ भी कर सकती है। रजत पदक जीतने बाद सिंधू के पिता कहा कि उनकी ये कामयाबी बेमिसाल है। हम बहुत खुश है। सिंधू और कोच गोपीचंद ने कड़ी मेहनत की थी जिसका उन्हें फल भी मिल गया। कैरोलिना मारिन वाकई में नंबर एक खिलाड़ी है और उनके साथ फाइनल खेलना सम्मान की बात है।