जागेश्वर।उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कान्त पाल आज अल्मोड़ा जनपद के प्रसिद्व धार्मिक स्थल जागेश्वर धाम पहुंचे। उन्होंने जागेश्वर ज्योर्तिलिंग मन्दिर में विशेष पूजा-अर्चना की और शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया। पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान जागेश्वर धाम, भगवान शिव के प्रथम ज्योर्तिलिंग के रूप में विख्यात है। श्रावण मास में इस मन्दिर में पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होने के कारण श्रद्वालु यहाँ पर विशेष रूप से आते हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के आसपास यद्यपि शासन द्वारा अनेक महत्वाकांक्षी योजनाए संचालित की जा रही है, तदापि भविष्य में इस क्षेत्र को और अधिक विकसित किए जाने की अपार सम्भावनाएं हैं।
राज्यपाल ने कहा कि इस आध्यात्मिक केन्द्र/प्राचीन मन्दिर की व्यवस्थाओं में और अधिक सुधार किया जा सकता है ताकि बाहर से आने वाले तीर्थाटकों, श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को भी पूर्ण सहयोग करना होगा।उन्होंने जागेश्वर ज्योर्तिलिंग व मृंत्युजय मन्दिर, पुष्टि माता मन्दिर, गणेश मन्दिर, केदार मन्दिर, बटुक भैरव मन्दिर, हनुमान मन्दिर सहित अनेक मन्दिरों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के साथ ही सम्पूर्ण परिसर के दर्शन किये।
इस दौरान राज्यपाल ने जनसामान्य से भी भेंट की और मन्दिर परिसर के आसपास के पुराने भवनों के संदर्भ में स्थानीय लोगों की मांगों पर भी गौर किया। उन्होंने वहाँ पर स्थापित साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट तथा बायो टायलेट्स के प्रबन्धन के लिए मन्दिर समिति के प्रयासों की सराहना की।इस अवसर पर जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा राज्यपाल को मन्दिर समिति द्वारा किये जा रहे कार्यों सहित अन्य कार्यों की भी विस्तृत जानकारी दी गई। राज्यपाल के साथ उनके विशेष कार्याधिकारी एवं सचिव अरूण कुमार ढौढ़ियाल, परिसहाय डा0 योगेन्द्र सिंह रावत, मेजर अनुज राठौर भी मौजूद थे।