हल्द्वानी: एक ऐसी उम्र में बच्चों की शादी करा देना जब वे शारीरिक और मानसिक तौर पर शादी के लिए तैयार नहीं होते, एक बेहद गंभीर और भयंकर अपराध माना जाता है। पहले के मुकाबले आज के ज़माने में बाल विवाह की संख्या में खासा गिरावट आई है मगर अभी भी कहीं ना कहीं से इस तरह के अपराध सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तराखंड के शहर किच्छा से।
यहां सौतेली मां और पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी करवा दी। जिस का विरोध लड़की के भाई ने किया, मगर वो यह शादी रोक ना सका। इस विरोध में भाई को खासा मुश्किलें झेलनी पड़ीं मगर वह अंत में कामयाब रहा। भाई की तहरीर पर पुलिस ने लड़की की मां, पिता समेत छह लोगों के खिलाफ बाल विवाह अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार इनमें से अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया गया है जबकि सौतेली मां और दूल्हा पुलिस के हाथ नहीं लग सके हैं।
किच्छा के बखपुर गांव के रहने वाले अजय कुमार ने कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि उसके पिता मेवा लाल और सौतेली मां दुर्गा देवी 12 साल की बहन की ज़बरदस्ती शादी करवाने पर अड़े थे। जब उसने विरोध किया तो उसे शादी रुकवाने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई। लड़की के भाई ने अपने परिजनों पर गालीगलौच और मारपीट का आरोप भी लगाया है। उसने कहा है कि सात दिसंबर की सुबह चार बजे माता पिता द्वारा लड़की को जबरन शादी के लिए ले जाया गया।
अजय कुमार ने बताया कि परिवारवालों ने बहन का विवाह जिला बरेली फतेहगंज निवासी राजू पुत्र विजयपाल से करा दिया। इस शादी को अंजाम देने में इनके साथ बरा के रहने वाले विजय पाल साकिर और उसकी पत्नी सितारा निवासी रघुवंशी फार्म भी शामिल थे। इधर मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने मेवा लाल, विजयपाल, साकिर और सितारा को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन अभी लड़की की मां दुर्गा देवी और दूल्हा राजू फरार हैं।
किच्छा के कोतवाल चंद्र मोहन ने मामले की जानकारी दी और बताया कि कुल छह आरोपियों पर केस दर्ज कर अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया है। मामले में दो आरोपी अभी भी फरार हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। इसके अलावा नाबालिग लड़की को बाल संरक्षण आयोग को सौंप दिया गया है।
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