अल्मोड़ा: आपदाएं बड़े से बड़े प्लान पर पानी फेर देती हैं। वक्त का तकाज़ा कहिए या कोरोना की देन, तकनीकें और रीति-रिवाज एक दूसरे के पूरक बनते जा रहे हैं। लड़के की बारात लेकर जैंती आने वाला पूरा परिवार दूल्हे समेत कोरोना से संक्रमित पाया गया। दोनों पक्षों में मायूसी छा गई मगर वो कहते हैं ना चाह है तो राह है। तकनीक का सहारा लिया गया और ऑनलाइन शादी संपन्न कराई गई।
मूल रूप से जैंती अल्मोड़ा ल्वाला गांव निवासी और वर्तमान में लखनऊ के गोमती नगर में रहने वाले स्व. नारायण सिंह धौनी का परिवार 24 अप्रैल को लखनऊ से कांडे गांव आने वाला था। माजरा था उनके पुत्र उमेश सिंह धौनी की शादी का। दरअसल उमेश सिंह की शादी कांडे गांव निवासी रमेश सिंह कन्याल की पुत्री मंजू कन्याल से होनी थी।
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बता दें कि गणेश पूजा पहले ही संपन्न हो चुकी थी। अब 24 अप्रैल को यहां आना ता तो नियमों के अनुसार पूरे परिवार ने 20 अप्रैल को अपनी कोरोना जांच करवाई। तीन दिन के इंतजार के बाद रिपोर्ट आई तो मायूसी की बाढ़ आ गई। हुआ यह कि दूल्हा समेत अन्य परिजन कोरोना पॉजिटिव निकल गए।
इसके बाद तो जैसे काफी असमंजस की स्थिति बन गई। दुल्हन के परिवार को पता चला तो वे भी चंतित हो गए। अब साफ सी बात है कि हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक गणेश पूजा के बाद विवाह को रोकना शुभ नहीं माना जाता है। अब दूल्हे का पूरा परिवार क्वारंटाइन में और दोनों ही परिवार चिंता में पहुंच गए।
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धर्माचार्यों से सुझाव मांगे गए तो ऑनलाइन तकनीक की बात आगे बढ़ी। फिर क्या था दोनों पक्ष ऑनलाइन शादी के लिए तैयार हो गए। वीडियो कॉल के द्वारा 450 किमी की दूरी से वर व वधु ने ऑनलाइन ही सात फेरे लिए और पवित्र बंधन में बंध जाने की कस्में खाईं। जानकारी के अनुसार दूल्हा उमेश सिंह धौनी के क्वारंटीन की समय सीमा पूरी होने के बाद ही दुल्हन को लेने उसके घर आएगा।
इस शादी में अलग यही रहा कि न तो बैंड-बाजा और न ही बाराती शादी में मौजूद रहे। दोनों पक्षों के पंडितों ने विधि-विधान और मंत्रोच्चातरण के बीच शादी संपन्न कराई। हालांकि दोनों ही पक्षों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान भी झेलना पड़ा। खासकर दुल्हन पक्ष ने बारात के लिए सभी पर्याप्त इंतज़ाम कर लिए थे।
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