हल्द्वानी: देश की राजधानी में एक ब्लैक फंगस से पीड़ित महिला का ऑपरेशन तो हो गया मगर उसके बाद देने वाली दवा मिली ही नहीं। इस दवाई के लिए परिजन महिला मरीज को दिल्ली से लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंच गए। अब सही इलाज के बाद महिला पहले से काफी बेहतर है।
ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) को प्रदेश में महामारी घोषित किया जा चुका है। मामलों की संख्या अभी कम है लेकिन स्वास्थ्य महकमा किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है। सुशीला तिवारी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों का बेहतर तौर तरीकों से इलाज किया जा रहा है।
दिल्ली से हल्द्वानी इलाज के लिए आई महिला के बारे में एसटीएच में नाक, कान व गला रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. शहजाद ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी निवासी 52 वर्षीय महिला ब्लैक फंगस से पीड़ित थी। पांच दिन दिल्ली में इलाज चला, ऑपरेशन भी हुआ मगर वहां पर दवा नहीं मिली।
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परेशान परिजनों ने अपने शहर वापिस आ गए। सुशीला तिवारी में भर्ती होने के बाद महिला की जांचें हुईं। साथ ही एंफोटेरेसिन बी दी गई। इसके बाद वह करीब 25 दिन भर्ती रहने के बाद यहां से डिस्चार्ज कर दी गईं। देखा जाए तो अपने आप में कितनी अच्छी बात है कि जो दवाई दिल्ली के अस्पताल में नहीं मिली वो दवाई सुशीला तिवारी अस्पताल में उपलब्ध हो गई। इतना ही नहीं महिला अब बेहतर महसूस भी कर रही है।
बता दें कि अस्पताल में ब्लैक फंगस से पीडि़त आठ मरीज भर्ती हैं। अब तक एसटीएच में 16 मरीजों का ऑपरेशन हो चुका है। इनमें से छह मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं। एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डा. अरुण जोशी ने बताया कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित 20 मरीज भर्ती हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में सोमवार को 11 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
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