लोहाघाट: इंसानियत को शर्मसार करने की कई एक वारदातें सामने आती रहती हैं। मगर इस बार देवभूमि से इंसानियत को ज़िंदा कर देने वाला एक मामला सामने आया है। चंपावत के एक हॉस्पिटल में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची विधवा महिला ने उपचार के दौरान बच्चे को जन्म दिया।
समाज से डर के चलते विधवा महिला ने बच्चे को अस्तपाल में ही छोड़ दिया। लेकिन अस्पताल के चिकित्सक ने बड़ा दिल दिखाकर बच्चे को गोद लेने का फैसला किया। लिहाजा मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का मुख्य केंद्र बना हुआ है। कुछ संगठनों ने अस्पताल पहुंचकर विरोध भी जताया।
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चंपावत जिले के बाराकोट विकासखंड के एक गांव की महिला के पेट में दर्द हुआ तो वह हॉस्पिटल जा पहुंची। जहां इलाज के दौरान उसने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। बता दें कि 35 वर्षीय महिला विधवा है। करीब तीन साल पहले उसके पति की मृत्यु हो गई थी। विधवा महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने की सूचना आग की तरह फैल गई।
लोक लाज का डर रहा कि महिला ने बच्चे को जन्म देने के बाद ही अस्पताल में छोड़ दिया और वह खुद चले गई। इसके बाद हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने जो किया वह वाकई काबिले तारीफ है। डॉक्टर ने नवजात को बिना किसी प्रक्रिया अपनाए गोद ले लिया।
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विधवा महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने और डॉक्टर द्वारा बिना किसी कानूनी प्रक्रिया को अपनाए बच्चे को गोद लेने की सूचना आग की तरह फैल गई। इतने में ही कई एक संगठन अस्पताल पहुंचकर विरोध करने लगे। इतना ही नहीं एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसमें बच्चे को कानूनी प्रक्रिया से गोद लेने की मां गी कई है।
प्रभारी सीएमएस ने डा. जुनैद कमर ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला अस्पताल में बच्चे का छोड़ गई। मामले की सूचना एसडीएम, सीएमओ और थाने को दी गई। उन्होंने बताया कि नवजात पूरी तरह स्वस्थ्य है और उसे अस्पताल में ही रखा गया है। बता दें कि महिला के पांच बच्चे हैं।
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