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उत्तराखंड:बिना कोविड रिपोर्ट भी हो सकेंगे अस्पतालों में भर्ती,हर राज्य के मरीजों का होगा इलाज


देहरादून: कोरोना के मामले भले ही कुछ हद तक कम हुए हैं। भले ही रिकवरी रेट अच्छा हो रहा है। लेकिन शासन प्रशासन अब भी सक्रिय नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये महामारी कितनी खतरनाक है, इसका अंदाजा हर किसी को है। इसी बात को लेकर अब उत्तराखंड सरकार ने एक और फैसला लिया है। सचिव स्वास्थ्य़ ने आदेश जारी करते हुए यह साफ कर दिया है कि अब कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी।

इस वक्त प्रदेश में कोरोना वायरस ने खूब हड़कंप मचाया हुआ है। कई लोग टेस्ट कराने के बाद प़जिटिव पाए जा रहे हैं। जबकि कई लोग लक्षण शुरू होते ही उपचार कराने के लिए तत्पर हैं। ऐसे में जानकारी के अनुसार अभी तक कोरोना अस्पतालों या हेल्थ केयर सेंटरों में भर्ती होने के लिए कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट मांगी जा रही थी। जिस कारण कई लक्षण वाले मरीज इलाज से वंचित रह जा रहे थे। मगर अब सरकार ने यह भी खत्म कर दिया है। इस फैसले को काफी अच्छा फैसला माना जा रहा है।

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दरअसल शुक्रवार को इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य डॉ.पंकज कुमार पांडेय ने आदेश जारी कर दिए। आदेशों के मुताबिक कोरोना लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी। इसके साथ ही दूसरे शहरों से आए मरीजों या किसी भी रोगी को स्वास्थ्य सेवाएं देने से मना नहीं किया जाएगा। ना ही मरीज से कोई पहचान पत्र मांगा जाएगा। सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अस्पताल में प्रवेश मरीज की जरूरत के आधार पर होना चाहिए।

सचिव स्वास्थ्य की ओर से जारी आदेेश के मुताबिक केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए प्रदेश में कोरोना इलाज के लिए त्रिस्तरीय प्रणाली पहले से सुचारू रूप से चल रही है। बता दें कि इस प्रणाली के तहत कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए डेडीकेटिड कोविड अस्पताल (डीसीएच), मध्यम मरीजों के लिए डेडीकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) और कम संक्रमित मरीजों के कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) स्थापित किए गए हैं। सभी अस्पतालों को कोविड मरीजों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।

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