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नैनीताल के दलबीर ने ऑस्ट्रेलिया में उगाया दुनिया का सबसे ऊंचा धनिए का पौधा

रामनगर के दलबीर ने ऑस्ट्रेलिया में उगाया दुनिया का सबसे ऊंचा धनिए का पौधा, बना विश्व रिकॉर्ड

रामनगर: देवभूमि के लोग दुनिया के किसी भी कोने में पहुंच जाएं, मगर मजाल है कि वह यहां का नाम रौशन ना करें। विदेशों में ऐसे बहुत से देवभूमि वासी रहते हैं जो समय समय पर उत्तराखंड को गौरव प्रदान कराते आए हैं। इस बार रामनगर के दलबीर ने ऑस्ट्रेलिया में पहाड़ों की खुशबू बिखेरी है। दरअसल दलबीर सिंह मान ने ऑस्ट्रेलिया में दुनिया का सबसे ऊंचा धनिया का पौधा उगा कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।

रामनगर के भवानी गंज के मूल निवासी दलबीर सिंह मान वर्तमान में मेलबर्न विक्टोरिया में रह रहे हैं। दलबीर सिंह ने इस धनिए के पौधे से जगह जगह नाम रौशन कर दिया है। हर कोई दलबीर के साथ उत्तराखंड का नाम भी जोड़ रहा है। जिससे प्रदेश में और खासकर रामनगर क्षेत्र में खुशी की लहर है। बता दें कि दलबीर सिंह मान द्वारा उगाए गए धनिए के पौधे की ऊंचाई सात फीट साढ़े चार इंच तक पहुंच चुकी है।

इससे पहले धनिया उगाने का वर्ल्‍ड रिकॉर्ड भी उत्तराखंड के गोपाल उप्रेती के नाम रहा। जो रानीखेत के रहने वाले हैं। उन्होंने सात फीट एक इंच ऊंचा धनिया का पौधा उगाया था। बता दें कि इस रिकॉर्ड के कारण दलबीर सिंह का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हो गया है। जानकारी के अनुसार दलबीर सिंह के पिता अब भी रामनगर छोई में रह कर खेती बाड़ी का काम अपने हाथों से करते हैं। हालांकि दलबीर सिंह के माता पिता साल छह महीने में बेटे के पास भी जाते रहते हैं।

दलबीर सिंह ने बताया कि माता पिता जब भी यहां आते हैं तो अपने साथ लौकी, भिंडी, धनिया के अलावा और तरह- तरह के सब्जियों के बीज लेकर आते है। लाजमी है वह यहां भी अपना किसान होने का फर्ज निभाते हैं और बागवानी करना नहीं भूलते। भारत और ऑस्ट्रेलिया, दोनों ही देशों की नागरिकता ग्रहण कर चुके दलबीर सिंह की माने तो यह धनिया पूरी तरह जैविक खाद से उगाया गया है।

दलबीर सिंह ने बताया कि पड़ोसियों को भी धनिए की खुशबू बहुत आकर्षित करती है। उन्होंने इस उपलब्धि का सारा श्रेय पिता गुरजंत सिंह और माता देवेंदर कौर को दिया है। उनका मानना है कि मां पिता के कारण ही वह बागवानी सीख सके हैं। माता पिता से ही पर्यावरण संरक्षण की भी सीख मिली। दलबीर सिंह मान ने कहा कि भारत तो हमारी मां है। उसकी खुशबू तो हमारी नस- नस में समाई है। वाकई रामनगर के इस युवा ने विदेश में भी देवभूमि का नाम रोशन किया है।

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