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भगवान ऐसा पिता किसी को ना दे…बीमारी का इलाज नहीं करा सका तो 3.5 साल के बेटे को उतारा मौत के घाट

किच्छा: इलाके में हत्या की खबर से सनसनी फैल गई है। बहेड़ी क्षेत्र की सीमा के पास बसे एक गांव में एक ट्रक ड्राइवर ने अपने साढ़े 3 साल के बेटे को मौत के घाट उतार दिया। फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पिता ने पूछताछ में बताया कि उसके बेटे को हीमोफीलिया बीमारी थी। इलाज न करा पाने की वजह से उसने वारदात को अंजाम दिया है।

एएसपी ममता बोहरा ने बुधवार को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बहेड़ी क्षेत्र की सीमा के पास सिरौली कला गांव के रहने वाले मोहम्मद तारिक ने मंगलवार को पुलिस में सूचना दर्ज कराई थी कि उसका साढ़े 3 साल का बेटा शाबान मंगलवार सुबह उसके साथ बाइक से गया था। इसके बाद वे उसे घर के बाहर छोड़कर अपने पैतृक गांव ढकिया बहेड़ी आ गया था।

ऐसे में जब बेटा घर के अंदर काफी देर तक नहीं आया तो परिवार वालों की टेंशन बढ़ गई। बहेड़ी से आकर पुलिस को सूचना दी गई। एसपी ने बताया कि जब पुलिस ने घर और हाईवे के आसपास सीसीटीवी फुटेज को देखा तो उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ। दरअसल फुटेज में तारिक अपनी बाइक पर बेटे को साथ ले जाता तो दिख रहा है मगर वापसी में उसका बेटा उसके साथ नहीं है।

दूसरी बात यह भी है कि मोहम्मद तारिक लगातार अपने बयान बदलने में लगा हुआ था। इसी दौरान सूचना मिली कि उसके पैतृक गांव से एक बच्चे का शव मिला है। जब पुलिस टीम ने मोहम्मद तारिक से कड़ाई से पूछताछ की तो वह बिखर गया। उसने कबूल कर लिया कि उसने अपने बेटे की हत्या की है और उसका शव बहेड़ी के ढकिया गांव में अपने खेत में फेंक दिया।

पुलिस की मानें तो आरोपी तारिक ने हत्या का कारण बेटे का इलाज कराने में खुद को असमर्थ बताया। पुलिस ने फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक तारिक के बेटे को हीमोफीलिया बीमारी थी। जिसका इलाज काफी महंगा है। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल के डॉक्टरों ने तारिक को बच्चे को दिल्ली दिखाने की सलाह दी थी। मगर तारीख के मुताबिक ट्रक की 22 हजार रुपए प्रति महीने की चार किस्तें बकाया चल रही थी। जिसे वह जमा नहीं करा पा रहा था।

यही कारण रहा कि उसने ऐसा कदम उठाया। बता दें कि जहां पर तारिक ने अपने बेटे का शव फेंका था, वहीं आस पास उसके कई रिश्तेदार रहते हैं। बुधवार सुबह ढकिया गांव के कुछ बच्चों ने खेत में एक शव देखा था। जब तारिक के रिश्तेदारों ने उस शव को देखा तो उसकी शिनाख्त शाबान के रूप में की गई। मृतक शाबान के नाना अब्दुल राजिक ने बताया तो उनकी बेटी आयशा का निकाह 8 साल पहले तारिक से हुआ था और उनका दामाद घर के जेवर भी बेच चुका था। वाकई इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।

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