Uttarakhand News

क्या पूर्व CM त्रिवेन्द्र का फैसला पलटेगी सरकार ! उठ रही है देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग

देहरादून: देवस्थानम बोर्ड का विरोध चारधाम के पुरोहित कर रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध किया और उन्हें केदारनाथ में दर्शन भी नहीं करने दिए। पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंच रहे हैं और ऐसे में पुरोहितों ने उनका विरोध करने की भी धमकी सरकार को दी है। पुरोहित आंदोलन कर रहे हैं और अन्य राजनीतिक दल चुनाव के माहौल को देखते हुए उन्हें समर्थन भी दे चुके हैं।

पुरोहितों के बीच मध्यस्थता के लिए दिवाली से एक दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम पहुंच कर बाबा केदारनाथ के दर्शन किये। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। 5 नवंबर को प्रधानमंत्री के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। सौहार्दपूर्ण बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जायेगी।

हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है। उनका उत्तराखण्ड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है। पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं। आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा।   मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल भी थे।

बता दें कि इससे पहले इस बीच सीएम ने हाल में देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने के संकेत दिए हैं। अपने हालिया बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के संबंध में राज्य सरकार केंद्र सरकार से विचार विमर्श रही है।  शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि 30 नवंबर तक सरकार देवस्थानम बोर्ड पर फैसला ले लेगी।

देवस्थानम बोर्ड को लेकर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि ये फैसला चारधाम के विकास को लेकर लिया गया था। अभी लोग इसका विरोध कर रहे हैं लेकिन कुछ सालों में इस फैसले के नतीजे दिखने लगेंगे तो सरकार की तारीफ होगी। ये फैसला व्यक्तिगत नहीं बल्कि उत्तराखंड की खुशहाली के लिए लिया गया था।

To Top
Ad