हल्द्वानी: शहर में स्थित कुमाऊं की सबसे बड़ी मंडी में माहौल चिंताजनक बना हुआ है। कारण वही पुराना, कोरोना। कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ते ही लोगों को लॉकडाउन लगने का डर सताने लगा है। यही वजह है कि हल्द्वानी की मंडी की कैंटीनों को ठेकेदार मिलने मुश्किल हो रहे हैं। 13 में से नौ कैंटीनों के संचालन का अब तक कोई अता पता नहीं है।
दरअसल मंडी में स्थित कैंटीनों को संचालित करने के लिए हर साल टेंडर प्रक्रिया होती है। जो कि पिछले साल कोरोना और लॉकडाउन के कारण नहीं हो सकी थी। यही वजह थी कि पुराने ही ठेकेदार कैंटीन चला रहे थे। फिलहाल मंडी समिति द्वारा एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 की अवधि तक के लिए टेंडर प्रक्रिया कराई जा रही है।
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अब हो यह रहा है कि कई कैंटीनों की ठेकेदारी के लिए कोई भी इच्छुक नहीं दिख रहा। ऐसे में मंडी समिति को दोबारा नौ कैंटीनों के लिए दोबारा टेंडर निकालना पड़ा है। बहरहाल ठेकेदारों का टेंडर प्रक्रिया में भाग ना लेने के पीछे का बड़ा कारण कोरोना के बढ़ने से पैदा हुआ डर ही है। लोगों को डर है कि कहीं बीते साल की तरह ही लॉकडाउन जैसी नौबत आ जाएगी तो किराए का पैसा निकाल पाना मुश्किल हो जाएगा।
आपको बता दें कि मंडी की एक कैंटीन का किराया 1.5 लाख से 5 लाख तक निर्धारित है। मंडी के कारोबारियों का मानना भी यही है कि कम आवेदन आने का पहला कारण किराया है। हालांकि मंडी समिति का कहना अलग है। समिति के अनुसार टेक्निकल बिड पास न कर पाना इसका कारण है। समिति का कहना है कि टेक्निकल बिड पास करने के बाद ही फाइनेंशियल बिड होती है।
हल्द्वानी मंडी समिति से मिली जानकारी के अनुसार आगामी वित्तीय वर्ष के लिए कैंटीन संख्या 3, 11, 15 व 16 का टेंडर शनिवार को खोला गया। जिससे मंडी को 28 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नियम के हवाले से देखें तो टेंडर में कम से कम तीन आवेदन आने के बाद ही टेंडर खोला जाता है। लेकिन इस बार अधिकतर कैंटीनों के लिए इससे भी कम आवेदन आ रहे हैं। मंडी सचिव वीवीएस देव ने बताया कि 12 अप्रैल को दोबारा टेंडर कराया जा रहा है।
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