हल्द्वानी: विजय हजारे ट्रॉफी में उत्तराखण्ड टीम ने जीत की लय पकड़ ली है। बिहार से पहला मैच हारने के बाद टीम ने पौंडिचेरी और अब नागालैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर बताया है कि घरेलू क्रिकेट में वह अपने खेल से पहचान बना सकती है। नागालैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 205 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी उत्तराखण्ड की टीम ने लक्ष्य को 47 ओवर में हासिल कर लिया। उत्तराखण्ड की ओर से सबसे ज्यादा वैभव पवार 63 और सौरभ रावत नाबाद 60 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली।पौंडिचेरी के खिलाफ अपनी आक्रमक अंदाज का उदाहरण देने वाले हल्द्वानी आवास विकास निवासी सौरभ रावत की पारी एक बार फिर सुर्खियों में है। सौरभ ने पौंडिचेरी के खिलाफ 20 गेंदों में 35 रनों की पारी खेली थी।नागालैंड के खिलाफ भी वो इसी अंदाज में मैदान पर उतरे थे। सौरभ जब मैदान पर उतरे तब टीम का स्कोर 120 रनों पर 4 विकेट था। सौरभ के पास रणजी क्रिकेट का अनुभव है और उन्होंने इस मैच में उसका पूरा इस्तेमाल किया। उन्होंने कप्तान रजत भाटिया के साथ पांचवे विकेट के लिए 90 रनों की पारी खेली जिसने मैच उत्तराखण्ड के पाले में कर दिया। यह पारी इस लिए भी खास थी क्योंकि सौरभ ने विपक्षी गेंदबाजों की मैच में वापसी के मंसूबो पर पानी फेर दिया। सौरभ ने 45 गेंदों में शानदार 60 रनों की पारी खेली। अपनी इस पारी नें उन्होंने 7 चौके और 2 छक्के भी लगाए। सौरभ रावत ने साल 2016 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया था।
वो उत्तराखण्ड से पहले उडिसा टीम के सदस्य थे। सौरभ की इस पारी के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है। पिता आन्नद सिंह रावत ने बताया कि सौरभ की पारी की जानकारी बड़े भाई शैलेज़ ने दी। क्रिकेट के मैदान पर सौरभ की कामयाबी हर वक्त सुखद अनुभव देती है। उम्मीद है कि वो आगे भी अपने राज्य के लिए इसी तरह की पारी खेलता रहेगा।
बता दें कि सौरभ के पिता आन्नद सिंह रावत एनएचपीसी बनबसा में कार्यकृत है वहीं मां गीता रावत हाउस वाइफ है। सौरभ रावत की इस पारी के बाद स्थानीय कोच दान सिंह कन्याल ,दान सिंह भंडारी ,महेंद्र सिंह बिष्ट और इंदर जैठा ने उन्हें बधाई दी है। उनकी मानें तो सौरभ ने पिछले सीजन के अनुभव को यहां पर इस्तेमाल किया है। वह टीम का सीनियर खिलाड़ी है और अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से समझ रहा है।