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अलीगढ़ हत्याकांड: 8 दिन बाद जागा प्रशासन, मामले की होगी मजिस्ट्रेट जांच


नई दिल्लीः अलीगढ़ में 2 साल की मासूम बच्ची की हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर रख दिया है। दिल दहला देने वाले इस मामले में अब जाकर अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए 2 एडीएम और 4 एसडीएम सहित 7 अफसरों को तत्काल प्रभाव से तैनात किया गया है।

बता दें कि पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक अब तक फरार है। 31 मई से लापता बच्ची बाद में गांव के बाहर बने कूड़े के ढेर पर पड़ी मिली। उसकी निर्ममता से हत्या की गई थी। आरोप यह भी था कि उसके साथ बलात्कार किया गया है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई।

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बच्ची से हैवानियत किस कदर की गई, इसका पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। बच्ची का एक हाथ शरीर से अलग था, उसे बहुत ज्यादा पीटा गया। बाएं पैर में फ्रैक्टर और आंखों पर जख्म था। सारी पसलियां टूटी हुई थीं, साथ ही शरीर में कीड़े पड़ गए थे, जिससे हड्डियां तक दिखाई देने लगी थीं। उसके शरीर से किडनी और यूरिनरी ब्लेडर गायब था। परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस इस मामले में लगातार टाल-मटोल करती रही।

बता दें कि गिरफ्तार किए गए 4 आरोपियों में मोहम्मद असलम, जाहिद, जाहिद का भाई मेंहदी और जाहिद की पत्नी शामिल है। बच्ची की लाश को जिस दुपट्टे से लपेटा गया था, वह जाहिद की पत्नी का था। असलम 2014 में अपने रिश्तेदार की बच्ची के साथ यौन शोषण के आरोप में अरेस्ट हुआ था। पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि असलम के घर में भूसे में लाश को रखा था, लेकिन पुलिस को शक है कि लाश को नमी वाली जगह पर या फिर फ्रिज में रखा था। असलम के घर में गला दबाकर हत्या की गई।
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