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राजीव गांधी की कातिल होगी 27 साल बाद पैरोल पर रिहा, जानिए पूरा मामला


नई दिल्रलीः राजीव गांधी की कातिल नलिनी 27 साल लगातार जेल में रहने के बाद अब बाहर निकल सकेगी। मद्रास हाईकोर्ट ने उसकी याचिका पर मुहर लगा दी है। नलिनी ने ये पैरोल अपनी बेटी की शादी के लिए मांगी है। नलिनी की बेटी जेल में पैदा हुई थी। जज के सामने दलीलें देते हुए नलिनी कई बार भावुक होकर रोने लगी।


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हालांकि नलिनी ने अदालत से 6 महीने की परोल मांगी थी। नलिनी ने तर्क दिया था कि उसके साथ दूसरों से अलग बर्ताव किया गया है। आजीवन कारावास की सजा काट रहे दूसरे कैदी 10-10 साल की सजा काटकर रिहा कर दिए गए। तमिलनाडु सरकार अच्छे आचरण के आधार पर अब तक करीब 3700 कैदियों की रिहाई कर चुकी है। मगर उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है, वो भी तब जब राज्य सरकार उसकी रिहाई के प्रस्ताव पर मुहर लगा चुकी है। राजीव गांधी के कत्ल का दोषी  नलिनी का पति मुरूगन उर्फ श्रीहरन भी वेल्लोर की ही जेल में कैद है।

नलिनी ने बिना किसी वकील की मदद के कोर्ट में खुद अपनी बातें रखीं। उसने यह भी कहा कि सजायाफ्ता कैदियों को 2 साल में एक महीने की छुट्टी भी मिलती है। मगर उसे यह सुविधा भी हासिल नही हो सकी है। कोर्ट ने नलिनी कुछ शर्तों के साथ पैरोल पर रिहाई का हुक्म दिया है। उसे किसी भी तरह के मीडिया इंटरव्यू की मनाही है, सोशल मीडिया में कुछ भी लिखने की मनाही है।
शर्त यह भी है कि वह इस दौरान किसी राजनीतिक व्यक्ति से नही मिल सकेगी। कोर्ट ने नलिनी की अपील पर को उसकी सुरक्षा में लगी फोर्स के खर्चों से उसे मुक्त कर दिया। हाइकोर्ट ने दस दिनों के भीतर नलिनी को रिहा करने के आदेश दिए हैं।

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