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सुशीला तिवारी एक बार फिर सुर्खियों में,अस्पताल की लापरवाही से मरीज हुए परेशान


हल्द्वानीः शहर का सबसे विख्यात अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों मे है।  स्वास्थ्य का अधिकार जनता का सबसे पहला अधिकार होतो है लेकिन शहर में बेहतर सवास्थ्य सेवाओं के अभाव में रोजाना हजारों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर में बीते कुछ दिनों से स्वास्थ्य सेवाऐं चरमरा चुकी हैं। इसके चलते लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सरकारी अस्पताल का तो भगवान ही मालिक है। शहर के सुशीला तिवारी अस्पताल में खून की जांच बंद हो गई है। मरीजों को ऑपरेशन से पहले होनी वाली जांच के लिए निजी पैथालोजी से महंगी दामों पर जांच करानी पड़ रही है।

बता दें कि एसटीएच में रोजाना 20 से 25 मरीजों के ऑपरेशन होते हैं। ऑपरेशन से पहले मरीजों के खून की जांच कराई जाती है। जांच में यह भी देखा जाता है कि मरीज के खून निकलने का समय और खून बंद होने का समय (ब्लीडिंग और क्लाटिंग) क्या है। प्रोथ्रोबिन टाइम और एपीटीटी जांच होती है। जांच रिपोर्ट गड़बड़ आने पर ऑपरेशन कुछ समय बाद किया जाता है और इंजेक्शन एवं दवा के माध्यम से खून निकलने का समय और खून बंद होने के समय को निर्धारित मानकों के अनुरूप लाने का प्रयास किया जाता है। एसटीएच में पिछले एक हफ्ते से किट खत्म हो गई है।

एसटीएच में ऑपरेशन के लिए आए मरीजों की जांच बाहर से कराई जा रही है। बाहर जांच 500 रुपये में होती है, जबकि एसटीएच में सवा सौ से डेढ़ सौ रुपये के बीच जांच की जाती है। वहीं डॉक्टर अरुण जोशी का कहना है कि अस्पताल में किट खत्म हो गई है और किट के लिए आर्डर भेज दिया गया है।

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