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हल्द्वानी: सबसे बड़े महिला पुरस्कार से सम्मानित हुई माया उपाध्याय और कंचन भंडारी


हल्द्वानी: राज्य में 21 महिलाओं को इस वर्ष के तीलू रौतेली (सबसे बड़े महिला पुरस्कार) राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए चुना गया। वहीं 22 आंगनबाड़ी वर्कर को भी विभागीय पुरस्कार दिया गया है। पुरस्कार वितरण समारोह शनिवार को तीलू रौतेली के जन्मदिन पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित हुआ। इस लिस्ट में हल्द्वानी की दो महिलाएं भी शामिल हैं। माया उपाध्याय और सामाजिक कार्यकर्ता कंचन भंडारी को तीलू रौतेली अवॉर्ड (सबसे बड़े महिला पुरस्कार) से सम्मानित किया गया। उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कला को पहचान दिलाने वालों की किसी भी मंच पर बात होगी तो गायिका माया उपाध्याय का नाम जरूर सामने आएगा। वह अपने अलावा युवाओं को भी राज्य की प्रगति में हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करती रहती है। तीलू रौतेली सम्मान मिलने पर उन्होंने कहा कि नारी शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के अवॉर्ड बेहद जरूरी है। उन्हें गर्व है कि उन्हें इस पुरस्कार ने सम्मानित किया गया है। राज्य सरकार का उन्होंने धन्यवाद किया।

दूसरी ओर कंचन भंडारी पिछले तीन दशक से महिलाओं को हक दिलाने की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने शोषण अत्याचार और गैर बराबरी मामले में महिलाओं की आवाज को उठाया है और उनका हक भी दिलाया है। उन्होंने कहा कि तीलू रौतेली पुरस्कार मिलना उनके लिए सबसे बड़े गर्व की बात है। और वह आगे भी अपने जीवन में महिलाओं के उत्थान और उनके शोषण के खिलाफ सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर भागीदारी करेंगी।

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इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि के साथ ही वीर भूमि भी है। देश की आजादी के पहले और बाद में देश की सुरक्षा एवं अखण्डता लिये बलिदान देने वाला छठा बलिदानी उत्तराखण्ड का है। इसी के दृष्टिगत प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड में चार धामों के अतिरिक्त पाँचवां धाम सैन्य धाम भी बताया है। उन्होंने कहा कि वीरांगना तीलू रौतेली जैसे बलिदानी सदैव हमारे प्रेरणाश्रोत रहे हैं। राज्य के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। महिलाओं को घर और बाहर की दोहरी जिम्मेदारीरियों का निर्वहन करना पड़ता है। महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन के लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर के भूमि पूजन के अवसर पर प्रधानमंत्री का जय सिया राम कहना महिलाओं के प्रति सम्मान प्रकट करता है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले वर्ष से राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार की धनराशि 21 हजार से बढ़ाकर 31 हजार तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार की धनराशि 11 हजार से बढ़ाकर 21 हजार की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के समग्र विकास में स्त्री और पुरूष की समान भागीदारी है। समाज के महत्वपूर्ण अंग होने के नाते स्वस्थ समाज के निर्माण में भी इन की समान भूमिका है। स्त्री और पुरूष को समान रूप से आर्थिक रूप से मजबूत करना समय की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये महिला किसानों एवं स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खेती की बेहतरी के लिये पहले महिलाओं को 2 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जा रहा था। इस क्षेत्र में उनके बेहतर कार्य को देखते हुए अब 3 लाख की धनराशि उन्हें बिना ब्याज के उपलब्ध करायी जायेगी।

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