नैनीताल: हल्द्वानी के गौलापार में बन रहे ISBT मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए 4 हफ्ते में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिए है कि आईएसबीटी के निर्माण के लिए अब बिना केंद्र सरकार व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के पेड़ न काटे जाएं।
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बता दें कि आईएसबीटी मामले में सरकार अब तक 11 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। ISBT मामले में पुरानी जगह बनाने और ISBT के जल्द निर्माण को लेकर रवि शंकर जोशी ने जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने सरकार पर आईएसबीटी के नाम पर केवल राजनीति करने का आरोप लगाया है।
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याचिका में कहा गया है कि साल 2008-09 में आईएसबीटी बनाये जाने को लेकर सरकार व केंद्र सरकार से अनुमति मिली थी ।जिसके बाद 2015 में भूमि को वन विभाग ने परिवहन विभाग को हस्तांतरित कर दी। 2015 के बाद इस स्थान पर 2625 अलग अलग प्रजाति के हरे पेड़ों का कटान हुआ तो आठ हेक्टेयर भूमि से अन्य पौधों को भी हटाकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। 11 करोड़ रूपये खर्च भी कर दिए।
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मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में सुनवाई के दौरन यह तथ्य सामने आया की निर्माणाधीन आईएसबीटी को सरकार कहीं अन्य जगह शिफ्ट करा रही है जबकि इस जगह पर 11 करोड़ रूपये खर्च व 2625 विभिन्न प्रकार हरे पेड़ कट चुके हैं। वन विभाग ने आठ हेक्टेयर भूमि आईएसबीटी बनाने के लिए दे चुकी है।
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