हल्द्वानी: खेल के मैदान से हल्द्वानी के लिए अच्छी खबर सामने आई है। शहर के प्रशांत सिंह रावत को भारतीय बॉस्केटबॉल टीम में चुना गया है। वह एशिया कप में सीनियर टीम के सदस्य होंगे और इंडोनेशिया में आयोजित कैंप का हिस्सा होंगे। प्रशांत इससे पहले भी भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं। उनकी उम्र 20 साल है और वो 9 बार टीम में चुने जा चुके हैं।
एशिया कप की तैयारी
एशिया कप के लिए 16 अगस्त से 24 अगस्त तर इंडोनेशिया में कैंप का आयोजन होगा। प्रशांत के पिता नरेंद्र सिंह रावत भी बास्केटबल के इंटरनेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं। बास्केटकॉल के प्रति उनका प्यार पिता के कारण ही पनपा। प्रशांत साल 2016 से बास्केटबॉल खेल रहे हैं। इसके बाद उन्होंने इस खेल में पहचान बनाने के लिए पिता के साथ रात दिन एक किया और कामयाबी उन्हें मिलती चले गई। साल 2016 में उनका चयन जूनियर यूथ नेशनल में हुआ। इसके बाद वह साल 2018 में एनबीए में भी चुने गए। इस दौरान उन्होंने चीन, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया के अलावा जूनियर नेशनल लुधियाना में भी खेलने का मौका मिला।
साल 2018 में बांग्लादेश में जूनियर इंडिया की टीम में उन्हें खेलने का मौका मिला और स्वर्ण पदक उन्होंने हासिल किया। साल 2019 में प्रशांत को सीनियर भारतीय टीम में जगह मिली और वह लुधियाना दौरे के लिए टीम के सदस्य रहे। साल 2020-2021 में सीनियर टीम में 4 बार बहरीन और एक बार उन्हें इराक में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला।
पिता भी रहे हैं इंटरनेशनल खिलाड़ी
गर्व की बात ये भी है कि उनके पिता भी भारतीय बास्केटबॉल टीम के सदस्य रहे हैं। उन्होंने चार बार अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी दावेदारी की। मूल रूप से अल्मोड़ा के लमगड़ा व वर्तमान में बाराही कॉलोनी पीलीकोठी निवासी एनएस रावत ने बॉस्केटबॉल कोर्ट पर अपनी पहचान बनाई है। टाटा स्टील जमशेदपुर में नौकरी की। इस दौरान उन्होंने वर्ष 1993 से 2000 तक वह भारतीय टीम के सदस्य रहे और इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, चायना में अंतरराष्ट्रीय बास्केटबाल चैंपियनशिप खेली। इसके बाद वे रुद्रपुर स्थित एक निजी स्कूल में शारीरिक शिक्षक पद पर नियुक्त हुए। इस दौरान वह अपने बेटे प्रशांत के साथ बास्केटबाल की प्रैक्टिस करते रहे। प्रशांत की मां आशा रावत हाउस वाइफ हैं।
हल्द्वानी के प्रशांत सिंह रावत का भारतीय basketball टीम में हुआ चयन pic.twitter.com/fabp74DHuK
— haldwanilive (@haldwanilive1) April 11, 2021