हल्द्वानी: आपदा के कई सारे दुष्प्रभाव होते हैं। मुश्किल वक्त में अपने भी साथ छोड़ जाते हैं। लेकिन जब कोई अपना हाथ छोड़ता है तो रवि रोटी बैंक उसे गले से लगा लेता है। हल्द्वानी में पिछले ढाई साल से तो यही चल रहा है। रवि रोटी बैंक की टीम ने एक बार दिल जीतने वाली पहल शुरू की है। टीम अब कोरोना संक्रमितों को कतई भी भूखा नहीं सोने देगी।
भूख की परिभाषा छोटी है, बस एक रोटी है। यह कथन रवि रोटी बैंक के हर सदस्य ने अपने दिल में उतार रखा है। यही वजह है कि वे सेवा भाव में इतने ज़्यादा लीन रहते हैं। पिछले साल लगे लॉकडाउन में रवि रोटी बैंक की टीम ने शानदार काम किया था। जब पूरा हल्द्वानी घरों में बंद था तो भी टीम ने भूखों को खाली पेट नहीं छोड़ा।
इस बार कोरोना महामारी एक बार फिर त्राहिमाम मचा रही है। हल्द्वानी क्षेत्र का हाल भी कुछ खास बेहतर नहीं है। अब होता यह है कि अगर पूरा परिवार कोरोना संक्रमित निकल आए तो खाना बनाने की बड़ी किल्लत हो जाती है। ना कोई बाहर से खाना देना चाहता है। ऐसे में रवि रोटी बैंक ने सराहनीय पहल शुरू की है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 28 अप्रैल तक बंद रहेंगे सरकारी दफ्तर, तीन दिन बढ़ाई गई अवधि
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के 5084 केस सामने आए, 1466 लोग रिकवर हुए
रवि रोटी बैंक की टीम द्वारा यह फैसला लिया गया है कि जिस भी परिवार के सभी सदस्य कोविड-19 वायरस से पॉजिटिव आएंगे, उनके लिए नि:शुल्क टिफिन सेवा रवि रोटी बैंक द्वारा की जाएगी। इसके अलावा जिस भी कोरोना मरीज को भोजन की ज़रूरत होगी, उन्हें भी रवि रोटी बैंक टीम द्वारा टिफिन पहुंचाया जाएगा। बकता दें कि रवि रोटी बैंक की टीम पहले से ही रोज़ रात को रोडवेज पर खाना बांटने के साथ हर दिन दोपहर में बेस अस्पताल के बाहर वैन के सहारे ज़रूरतमंदों को भोजन कराती है।
यह मुहिम बड़ी मुहिम है। इसमें आमजन या कहें वॉलंटियर्स का साथ खासा ज़रूरी है। इसलिए रवि रोटी बैंक परिवार ने हल्द्वानी की जनता से अपील की है कि किसी भी तरह से सहयोग करने के लिए वे टीम से संपर्क कर जुड़ सकते हैं। बता दें कि रवि रोटी बैंक द्वारा जो भी इस मुहिम में जुड़ना चाहता है उन सभी वॉलंटियर्स को रवि रोटी बैंक की टी शर्ट मेंबरशिप कार्ड और प्रमाण पत्र दिया जाएगा। आप फेसबुक पर जाकर रवि रोटी बैंक के पेज पर जुड़कर जानकारी ले सकते हैं।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: दोपहर 2 बजे बंद हो जाएगी शराब की दुकानें
यह भी पढ़ें: डरना नहीं लड़ना है, 24 घंटे में कोरोना को हरा चुके हैं दो लाख से ज़्यादा मरीज
यह भी पढ़ें: नैनीताल: दिल्ली से पहुंचे 10 संक्रमित प्रवासी हुए गायब, फोन भी कर दिया बंद