देहरादून: प्रदेश में घर बनाने की सोच रहे वासियों के लिए राहत हो गई है। सरकार के प्रयासों से अब नई बनने वाली कॉलोनियों में भवनों का नक्शा पास कराने के रेट कम हो गए हैं। सब डिवीजनल शुल्क को एक प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले पांच प्रतिशत हुआ करता था।
प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2016 के मानकों में ढील दी है। जिसके अनुसार अब 25 प्रतिशत तक की शिथिलता संबंधित प्राधिकरण का बोर्ड, 25 से 50 प्रतिशत शिथिलता का अधिकार उडा के पास, 50 प्रतिशत से अधिक शिथिलता का अधिकार राज्य सरकार के पास रहेगा।
इस विषय में सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली ने शासनादेश जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) के साथ सभी जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण और नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने भी पूरी तैयारी कर रखी है।
बता दें कि अब तक विकसित क्षेत्रों में सब डिवीजनल चार्ज सर्किल रेट का एक प्रतिशत और अविकसित क्षेत्रों में सर्किल रेट का पांच प्रतिशत वसूल किया जाता था। अब इसे एक प्रतिशत किया गया है। जिससे अविकसित कॉलोनियों में नक्शा पास कराना सस्ता हो जाएगा।
विस्थापित क्षेत्रों में जो मूल आवंटी से विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन जो जमीन खरीदने वालों से यह शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवासीय परियोजनाओं के भू-उपयोग परिवर्तन की जिम्मेदारी भी अब संबंधित विकास प्राधिकरण को दे दी है।
चार हजार से दस हजार वर्ग मीटर तक जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन अब संबंधित विकास प्राधिकरण द्वारा होगा। 10 हजार एक वर्ग मीटर से 50 हजार वर्ग मीटर तक की जमीनों का भू-उपयोग परिवर्तन के स्तर से होगा। जबकि इससे अधिक की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन शासन के स्तर से होगा।
बता दें कि उद्योगों के भू-उपयोग परिवर्तन के प्रस्ताव पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य प्राधिकृत समिति की सिफारिश के बाद स्थानीय विकास प्राधिकरण फैसला लेगा। इस बारे में शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि आदेश के बाद भू-उपयोग परिवर्तन की अभी तक लंबी प्रक्रिया आसान होगी। सब डिवीजनल चार्ज कम होने से लोगों को नक्शा पास कराने में आसानी होगी।