हरिद्वार: धर्मनगरी में आयोजित होने वाले कुंभ आयोजन की तैयारियां तो जारी हैं। मगर आयोजन दूर खिसकता नज़र आ रहा है। जानकारी के अनुसार अब कुंभ मेला 27 फरवरी से शुरू नहीं होगा। साथ ही पहले से निर्धारित 27 फरवरी से 27 अप्रैल तक की अवधि को भी बदल दिया गया है। बहरहाल 2021 कुंभ मेला अब सिर्फ अप्रैल माह में ही संपन्न हो जाएगा। इसका मुख्य कारण कोरोना संक्रमण ही है।
आपको बता दें कि आम तौर पर जनवरी से ही कुंभ की शुरुआत हो जाती है। लेकिन कोविड काल के चलते कुंभ मेला इस बार अप्रैल माह में ही आयोजित हो सकेगा। देखा जाए तो आमतौर पर कुंभ मेले की अधिसूचना दिसंबर महीने में होती थी। वह अब तक नहीं हो सकी है। पिछले कुछ दिनों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि कुंभ मेले की आधिकारिक अधिसूचना मार्च माह में जारी हो जाएगी और महाशिवरात्रि का स्नान कुंभ की अधिसूचना के तहत ही होगा। मगर अब ऐसा होता नहीं दिख रहा।
मंगलवार को मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन ओमप्रकाश ने आदेश जारी किए हैं। जिसमें यह बताया गया है कि कुंभ 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक रहेगा। इसकी तिथि दो महीने से घटा कर एर महीना कर दी गई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। जिसकी पुष्टि खुद मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने की। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी लागू रहेगी या राज्य सरकार अपने दूसरे नियम लागू करेगा।
केंद्र और राज्य सरकार के सामने कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र हर इंतज़ाम करने की चुनौती है। लिहाज़ा यही वजह है कि सरकार व प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करना चाहते। इसी कारण से राज्य सरकार ने केंद्र से कुंभ मेले को लेकर गाइडलाइन जारी करने का आग्रह भी किया था। केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन्स में मेला अवधि कम करने, श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करने और हरिद्वार में आगमन से 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट होने की बात कही गई थी।
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