हल्द्वानी: केमू स्टेशन स्थित एक परचून की दुकान लंबे समय से ही शराब का ठेका बनी हुई थी। या कहें दुकान की आड़ में शराब की धड़ल्ले से बिक्री की जा रही थी। लेकिन अंत में आबकारी विभाग की नज़र से दुकान स्वामी बच ना सका। छापेमारी हुई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। मौके से पांच पेटी बरामद हुई हैं।
हल्द्वानी स्थित केमू बस स्टेशन के पास एक परचून की दुकान में शराब को बेचने का काम काफी समय से चल रहा था। आबकारी विभाग को शिकायत मिली तो शनिवार सुबह साढ़े दस बजे नैनीताल व मंडलीय प्रवर्तन दल मौके पर जा पहुंचा।
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तलाशी में हैरान कर देने वाला तहखाना सामने आया। जिसके अंदर शराब की प्लास्टिक की बोतलें छिपा रखी थी। आबकारी निरीक्षक महेंद्र बिष्ट के मताबिक ने बताया कि अरुणांचल प्रदेश में बिक्री के लिए तैयार की गई 48 बोतल तथा चंडीगढ़ में बिकने वाली 12 बोतल बरामद हुई। इस तरह कुल पांच पेटी शराब मौके से मिली।
बहरहाल ये कोई नई बात ये नहीं है। इससे पहले भी शहर में नशे समेत इस तरह की बिक्री के कई मामले सामने आ चुके हैं। पहाड़ी जिलों में भी नशा बढ़ने का कारण यही है। कोरोना काल में शराब के ठेके बंद थे तो तस्करों ने खूब पैसे बनाए। कई बार यह पुलिस के हत्थे भी चढ़े।
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फिलहाल मामले के बाद परचून की दुकान पर आबकारी अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। आरोपित प्रमोद प्रजापति परचून की दुकान में शराब बेचने का लाइसेंस नहीं दिखा सका। जिसके बाद अधिकारियों द्वारा दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित को न्यायालय के सामने पेश किया गया।
इस कार्रवाई में आबकारी निरीक्षक महेंद्र सिंह बिष्ट, हरीश जोशी, उप आबकारी निरीक्षक मोहन कोरंगा, आनंद दोसाद, रमाकांत बावड़ी, महेश लोहनी आदि मौजूद थे।
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