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उत्तराखंड की मेजर बीना तिवारी, तुर्की आपदा में सैंकड़ो लोगों का जीता दिल और बढ़ाई वर्दी की शान


देहरादून: तुर्की में आए भूकंप में सैंकड़ो लोगों की जान गई थी। भूकंप की घटना को भले वक्त हो गया हो लेकिन जख्म आज भी हरे हैं। रोजाना कुछ ना कुछ अपेडट तर्की आपदा को लेकर आता रहा है। तर्की जब भूकंप से जूझ रहा था तब उत्तराखंड की बेटी अपना फर्ज निभा रही थी। वह भारत सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन दोस्त का हिस्सा थी। महिला डॉक्टर बीना तिवारी ने अपनी सेवा से विश्वभर के लोगों को दिल में जगह बनाई। उनकी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें स्थानीय बुजुर्ग महिला उन्हें गले लगाए हुए है।

तुर्की में राहत और बचाव कार्य में जुटी भारतीय सेना की महिला अधिकारी मेजर बीना तिवारी 14 डॉक्टरों और 86 पैरा मेडिक्स वाली भारतीय सेना की मेडिकल टीम में एकमात्र महिला अधिकारी थी। तुर्की में भारतीय सेना के अस्पताल शुरू होने के 24 घंटे के भीतर स्थानीय बच्चों और बुजुर्गों के बीच वह बेहद लोकप्रिय हो गई थी।

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देहरादून निवासी डॉ. बीना तिवारी (28) ने दिल्ली के आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस से ग्रैजुएशन किया है। उनके परिवार में पहले भी कई लोग भारतीय सेना में रहे हैं। बीना तिवारी के दादा सेना में सूबेदार थे, जबकि पिता 16 कुमाऊं इंफेंट्री में थे। मेजर डॉ. बीना तिवारी के पति मेडिकल ऑफिसर हैं। तर्की रवाना होने से पहले उनकी तैनाती असम में थी।

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