Bageshwar News

उत्तराखंड: आधी रात को भूकंप से हिली धरती, घरों से बाहर आने को मजबूर हुए लोग

उत्तराखंड में फिर भूकंप से कांपी धरती, दो जिलों में महसूस किए गए झटके

बागेश्वर: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। इसकी पुष्टि भी समय समय पर होती रही है। एक बार फिर बीती रात भूकंप ने दस्तक दी है। बागेश्वर जिले में देर रात करीब 12 बजकर 34 मिनट में 4.3 मैग्नीट्यूड (रिक्टर स्केल) के भूकंप के झटके महसूस किए गए। केंद्र जोशीमठ से आया ये भूकंप लोगों को घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर गया। आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया हल्का झटका आया था। जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।

दरअसल उत्तराखंड में दैवीय आपदा अधिकतर देखने सुनने को मिलती रहती हैं। भूकंप के लिहाज से भी राज्य बहुत बेहतर स्थिति में नहीं है। भूगर्भीय दृष्टिकोण से उत्तराखंड को संवेदनशील जगहों में गिना जाता है। वैसे भी हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट की टकराहट के चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है। जिस कारण भूकंप आना स्वाभाविक है।

लिहाजा उत्तराखंड में भूकंप का इतिहास उठाकर देखें तो अंदाजा लगता है कि वाकई हमारी देवभूमि इसे लेकर काफी संवेदनशील है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल के भीतर 9 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। उत्तराखंड भूकंप के अति संवेदनशील जोन पांच व संवेदनशील जोन चार में आता है। विशेषज्ञों की मानें तो यहां भूकंप को लेकर काफी सावधान रहने की जरूरत है।

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अति संवेदनशील जोन पांच में आने वाले जिले

1. रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग)

2. बागेश्वर

3. पिथौरागढ़

4. चमोली

5. उत्तरकाशी

संवेदनशील जोन चार में आने वाले जिले

1. ऊधमसिंहनगर

2. नैनीताल

3. चंपावत

4. हरिद्वार

5. पौड़ी

6. अल्मोड़ा

नोट: देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं।

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि यह भूकंप राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच में आया है। जिससे यह साफ होता है कि भूगर्भ में तनाव की स्थिति बनी हुई है। पिछले रिकॉर्ड भी देखें तो अति संवेदनशील जिलों में ही सबसे अधिक भूकंप रिकॉर्ड किए गए हैं।

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