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पत्नी की झूठी धमकियों से पुलिस कांस्टेबल ने किया सुसाइड,कोर्ट ने जनामत खारिज की

नैनीताल: वैवाहिक जीवन एक सहयोग पर निर्भर करता है। इस रिश्ते में व्यक्ति अगर मानसिक रूप से मजबूत है तो वह परिवार के लिए कोई भी दुख झेलने को तैयार रहता है। पिछले कुछ वक्त में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें वैवाहिक जीवन से पार्टनर खुश नहीं है। मानसिक परेशानी के चलते वह अपनी जीवन लीला को समाप्त कर रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस के जवान ने भी पत्नी की धमकियों की तंग आकर अपनी जान दे दी। इस मामले में महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और कोर्ट ने उसकी जमानत को भी खारिज कर दिया है। महिला ने अपनी के खिलाफ कई झूठी शिकायते भी दर्ज कराई थी। फरवरी 2021 में पुष्कर सिंह बिष्ट ने आईजी कार्यालय में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा था जिसमें आत्महत्या के लिए पत्नी को जिम्मेदार ठहरा था। इसके अलावा उन्होंने मृत्यु उपरांत विभाग में कोई धनराशि व नौकरी नहीं देने की बात लिखी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु विषाक्त पदार्थ खाने एवं नस काटने से होना बताया गया था।

इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी के समक्ष महिला की जमानत की अर्जी आई थी जिले कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मृतक पुष्कर सिंह के पिता ने बहू राधिका के खिलाफ कोतवाली हल्द्वानी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गोविंद सिंह निवासी जूप अल्मोड़ा ने पुलिस को बताया था कि बहू का व्यवहार पति के प्रति बेहद क्रूर था। वह पति के खिलाफ पुलिस के उच्चाधिकारियों व महिला हेल्पलाइन में फर्जी शिकायती पत्र देकर परेशान करती थी। इसके अलावा ऑफिस में जाकर गालीगलौज, हाथापाई कर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त करती थी। इसके चलते पुष्कर ने अपनी जान दे दी। उन्होंने बताया कि दोनों की शादी साल 2010 में हुई थी और एक बेटी भी है। धवार को डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए इन्ही बातों को कोर्ट के समक्ष रखा था।

कोर्ट को यह भी बताया गया कि राधिक पुष्कर से एक लाख रुपए भी डिमांड कर रही थी। ऐसा ना करने पर वह महिला हेल्पलाइन में रिपोर्ट लिखावाने की बात कर रही थी। इससे तंग आकर पुष्कर ने आत्महत्या कर ली। विवेचना के दौरान अभियुक्त के विरुद्ध साक्ष्य होने के उपरांत आरोपित राधिका की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय द्वारा खारिज किया गया।

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