हल्द्वानी:कोरोना वायरस के चलते लागू हुए लॉकडाउन के दौरान कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाने वाले रोडवेज कर्मी वेतन नहीं मिलने से परेशानी में चल रहे हैं। उत्तराखंड के कई जिलों में इस संबंध में प्रदर्शन भी हुआ है। मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सरकार और परिवहन निगम से एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र मांगा है। रोडवेज में काम करने वालों को जुलाई से वेतन नहीं मिला है।
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। नैनीताल हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई है और सभी से एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है। वेतन ना मिलने का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाने या उत्तराखंड परिवहन निगम को 27 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर यूपी सरकार कोई आदेश नहीं दिखा पा पाई।
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यूपी सरकार का कहना है कि 27 करोड़ रुपये के भुगतान करने के संबंध में उनकी एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में दायर हो चुकी है। सरकार से कोर्ट द्वारा पूछा गया है कि बकाया भुगतान करने के संबंध में बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिली या नहीं। बता दें कि वेतन ना मिलने पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने जनहित याचिका डाली। उसमें कहा गया कि लॉकडाउन से निगम और सरकार की ओर से कोई भुगतान नहीं किया गया है। यह बात भी सामने आई कि उत्तराखंड रोडवेज के 27 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के पास है जो अभी तक नहीं मिले हैं।
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