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अपनी जेब से शहर का कूड़ा उठाने के पैसे दे रहा है हल्द्वानी नगर निगम, सालाना एक करोड़ का नुकसान

हल्द्वानी: नगर में सोमवार से कूड़ा उठाने वाली गाड़ी घरों तक नहीं पहुंच रही थी। इसकी वजह मैजिक स्मार्ट साल्यूशन कंपनी में काम करने वाले चालक, परिचालक और सुपरवाइजर की हड़ताल थी। आपको बता दें कि कंपनी नगर निगम से कर्मचारी बोनस, भत्ते व ईएसआइ समेत छह सूत्रीय मांगों को पूरा करवाना चाहती थी। मगर अब आमजन के लिए खुशखबरी है। दूसरे दौर की वार्ता के बाद कर्मचारियों और कंपनी प्रबंधन के बीच मामला सुलझ गया है और साथ ही दोबारा डोर टू डोर कूड़ा उठाने के आदेश भी कर्मचारियों को मिल गए हैं।

मामले को नज़दीक से देखें, तो पता चलता है कि जो पैसा शहर के विकास कार्यों में और आगे की योजनाओं में खर्च होना चाहिए था, वह कूड़े में जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि पिछले तीन सालों की यही कहानी है। घर-घर से कूड़ा उठान करने में नगर निगम पर हर माह आठ से नौ लाख रुपये का बोझ पड़ता है। मैजिक स्मार्ट साल्यूशन कंपनी द्वारा नगर निगम से 13 से 14 लाख रुपये भुगतान के तौर पर लिए जाते हैं, जबकि इसके बदले शहर से साढे चार से पांच लाख रुपये यूजर चार्ज वसूलने के बाद निगम में जमा होता है। वैसे यूजर चार्ज 20 लाख के पार पहुंचता है।

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अगर निगम द्वारा बताए गए आंकड़ों पर नज़र डाले तो, शहर में 33 वार्ड और इन 33 वार्डों में करीब 33 हज़ार घर व पांच हज़ार के करीब व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। जिसमें कूड़ा उठाने वाली गाड़ी सामान्य परिवारों से 60 रुपए जबकि मलिन बस्ती वाले परिवारों से 40 रुपए प्रति माह लेती है। 40 रुपये की दर से ही 33 हजार परिवारों से 13.20 लाख यूजर चार्ज आता है। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए 50 रुपये से पांच हजार रुपये मासिक यूजर चार्ज तय है। 150 रुपये प्रति प्रतिष्ठान की दर से ही 7.50 लाख रुपये आते हैं। इसी तरह कुल मिला कर यह राशि 20 लाख के पास पहुंच जाती है।

इसके अलावा कंपनी ने दो साल पहले यूजर वसूली की योजना भी निगम के साथ बनाई थी, जिसमें चार्ज ना देने वालों से वसूली की जानी थी, मगर यह कार्यालय से बाहर नहीं निकल सकी। साथ ही कंपनी विभिन्न चीज़ों के लिए जितने रुपयों का भी बिल बना कर निगम को सौंपती है, निगम आसानी से मान लेता है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल का कहना है कि कंपनी से जो भी अनुबंध है वो उनके आने से पहले ही हो चुका था। उन्होेंने कहा यूजर चार्ज वसूलने के लिए अलग से रणनीति बनाई जाएगी।

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