नैनीतालः लगभग तीन महीने के लॉकडाउन के बाद 25 जून से परिवहन निगम की बसों का संचालन शुरू किया गया। बसों के एक बार फिर से शुरू होने के चलते यात्री के चेहरों पर खुशी तो आई लेकिन ये खुशी ज्यादा समय तक टिक नही पाई। यात्रियों से दोगूना किराया वसूला जा रहा है। कोरोना के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति वैसे ही अच्छी नही है और अब यात्रियों का से दोगूना किराया वसूला जा रहा है। इस संदर्भ में राज्य सरकार और परिवहन निगम ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए बताया कि कोरोना के वजह से बसों में सोशल डिस्टेंसिग के नियमों के मुताबिक 50% यात्रियोें को बैठाया जा रहा है। इसके चलते किराया बढ़ाया गया है। हालात ठीक होन पर किराए की पुरानी दरें लागू कर दी जाएंगी।
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सरकार का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने बसों के किराया दोगुना करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका को निरस्त कर दिया। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथ और आरसी खुलबे की खंडपीठ के समक्ष विडियो कांफ्रेंसिग से इस मामले की सुनवाई हुई। उमेश शर्मा ने जनहित याचिका में कहा था कि राज्य सरकार ने कोरोना के समय बसों का किराया दोगुना कर दिया। इससे लोगों को यात्रा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उमेश ने याचिका में किराया दोगुना पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी। हाईकोर्ट द्वार निरस्त की गई याचिका के बाद लोगों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ने वाली हैं।
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