हल्द्वानीः नैनीताल में जल संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है। जिसके बाद जल अपूर्ति को लेकर कई लोग खुश दिख रहे है। पर भी पेयजल योजना बनाने में काफी समय लगने का अनुमान है। सिंचाई विभाग के अफसरों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की सहमति के तुर्ंत बाद ही केंद्रीय वित्त विभाग की और बैराज और पेयजल योजना की डीपीआर बनवाने के लिए बजट दिया गया है। जिसके बाद 6 महीने डीपीआर और 3 साल बैराज बनाने में लग सकते है। और बैराज के साथ ही जल निगम भी पेयजल लाइन और टैंक का काम चालू कर देगा ।
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डीपीआर बनाने के लिए प्रस्ताव की फाइल अब वित्त विभाग के पास पहुँचा दी गई है । और साथ ही पांच फरवरी को जिले में केद्रीय जल आयोग की टीम के आने की खबर सामने आ रही है। नैनी झील से नैनीताल की पेयजल निर्भरता खत्म करने के लिए खैरना में बैराज बनाकर लिफ्टिंग योजना से नैनीताल को पेयजल उपलब्ध कराने की कवायत चल रही है। दिंसबर में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार को पेयजल व खैरना बैराज योजना का प्रस्ताव देने के निर्देश दिये थे। सिंचाई विभाग ने खैरना बैराज और जल निगम ने पेयजल योजना का प्राथमिक प्रस्ताव बनाया गया है। जिसकी तीन जनवरी को 725 करोड़ रूपये की प्रथमिक डीपीआर बनाकर शासन को भेज दिया गया है।
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सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता एमसी पांडे ने बताय़ा कि केंद्र सरकार ने प्रस्ताव को सैध्दांतिक मंजूरी प्रदान कर दि है। सीडब्ल्यूसी की टीम के आने की सिंचाई विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर ली है। शुक्रवार को मुख्य अभियंता ने मातहतों की बैठक लेकर खैरना बैराज निर्माण की तैयारियों पर चर्चा कर जानकारी दी ।