देहरादूनः कांग्रेस की दिग्गज नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का अस्थि विसर्जन आज हरिद्वार में किया गया। हरिद्वार की हर की पौड़ी पर पूरे विधि विधान से तीर्थ पुरोहित द्वारा अस्थि विसर्जन किया गया।अस्थि विसर्जन के लिए शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित, बेटी लतिका दीक्षित, कांग्रेस नेता जतिन प्रसाद और पवन खेड़ा सहित परिवार के काफी लोग हरिद्वार पहुंचे थे।
बता दें कि 20 जुलाई को शीला दीक्षित का निधन हो गया था। वो पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सुबह उन्हें एस्कॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें उल्टी हुई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।
एस्कॉर्ट्स अस्पताल के डॉक्टर अशोक सेठ न बताया था की, दोपहर 3.15 बजे शीला दीक्षित को दिल का दौरा पड़ा। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था और 3.55 पर उन्होंने आखिरी सांस ली थी।
कांग्रेस की कद्दावर नेता रहीं शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की और फिल दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की। शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद रहीं। बतौर सांसद वह लोकसभा की एस्टिमेट्स कमिटी का हिस्सा भी रहीं।
शीला दीक्षित ने महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग में 5 साल (1984-1989) तक भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह प्रधानमंत्री कार्यालय में 1986 से 1989 तक संसदीय कार्यराज्यमंत्री रहीं। साल 1998 के लोकसभा चुनावों में शीला दीक्षित को भारतीय जनता पार्टी के लाल बिहारी तिवारी ने पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में मात दी।
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