नई दिल्लीः ऑनलाइन गेम PUBG इस समय पूरी दुनिया में पाप्यूलर हो चुका है। उत्तराखंड में भी लगभग सभी युवा इस गेम के एडिक्टिव हो गए हैं। इस गेम का एडिक्सन लगभग सभी लोगों को हो गया है। कुछ ही समय में PUBG ने बड़ों से लेकर बच्चों तक अपनी एक खास जग़ह बना ली है। गेम का एडिक्सन इस कदर बढ़ चुका है कि आए दिन हैरान करने वाले मामले सामने आ रहें है। इस गेम का सबसे ज्यादा एडिक्सन युवा पर पड़ा है। युवा इस गेम में इतना खो जाता है कि उसको अपने आस पास की चीजें भी नहीं दिखती हैं। वहीं इस गेम ने कई युवाओं और बच्चों की जान ले ली है। एक बार इस गेम ने एक बच्चे की जान ले ली। घटना आंध्र प्रदेश की है। बताया जा रहा है कि गेम के चक्कर में 16 साल के बच्चे ने कई दिनों तक खाना-पीना छोड़ दिया। जिसके वजह से बच्चे की मौत हो गई।
बता दें कि लॉकडाउन के वजह से बच्चा घर पर रहकर अपना ज्यादातर समय गेम खेलने में बीता रहा था। इस दौरान PUBG गेम की ऐसी उसे ऐसी तल लग गई कि उसे खाने-पीने तक का होश नहीं रहा। वो गेम में इतना मग्न रहता था कि लगातार कई दिनों तक खाना नहीं खाने से वो बीमार पड़ गया।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी हालत बिगड़ती देख परिवारवालों ने उसे एलुरु के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बीते सोमवार को गंभीर रूप से डायरिया से पीड़ित बच्चे की मौत हो गई।
PUBG का क्रेज भारत ही नहीं पूरी दुनिया पर छाया हुआ है। भारत में इस गेम को खेलने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। पिछले साल ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गेम खेलने की लत को मानसिक रोग की श्रेणी में शामिल किया है, जिसे ‘गेमिंग डिसऑर्डर’ नाम दिया गया है। PUBG को सींगल या दोस्तों के साथ टीम बना कर भी खेला जा सकता है। आपको एक हवाई जहाज़ के द्वारा टापू पर पैराशूट के द्वारा उतार दिया जाता है। जिसमें Total 100 खिलाड़ी होते है। इन 100 खिलाड़ियों से लड़कर आख़िरी तक आपको बचना होता है। जो व्यक्ति आख़िरी तक बच जाता है उसे विजेता माना जाता है। इसी तापू के घरों में से आपको जरुरत की सभी चीजों को इकट्ठा करना होता है।