देहरादून: चारधाम यात्रा अटूट आस्था की यात्रा मानी जाती रही है। कोरोना काल में इस यात्रा पर खासा प्रभाव पड़ा था। अब हालात पहले से बेहतर हैं। हालांकि, पिछले साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने एक बार पुन: रोडवेज की व्यवस्था पर से पर्दा उठा दिया था। इसलिए इस बार सरकार के लिए भी यह एक चुनौती रहने वाली है। इसी क्रम में अब रोडवेज का प्लान भी सामने आया है। रोडवेज ने बसों की संख्या को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल और केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुलने वाले हैं। जबकि 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे। इसी के साथ चारधाम यात्रा की शुरुआत भी 22 अप्रैल से ही हो जाएगी। ऐसे में राज्य सरकार और सभी अहम विभाग अपनी अपनी तैयारियों को पूर्ण करने में जुटे हैं।
इधर, परिवहन विभाग ने भी कमर कस ली है। विभाग ने तय किया है कि यात्रियों को पिछली बार की तरह परेशानी नहीं होगी। इसी वजह से बसों की संख्या में इजाफा भी किया जा रहा है। विभागीय मंत्री चंदन राम दास का भी यही कहना है कि अधिक भीड़ के कारण पिछले साल बसों की मुश्किल हुई थी। इसलिए हमने इस बार पहले से ही तैयारी कर ली है।
उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री दास ने बताया कि निगम ने पिछली बार 90 बस सेवा उपलब्ध कराई थी। इस बार यह संख्या 120 कर दी गई है। 12 अप्रैल को सभी परिवहन कंपनियों और एजेंसियों के साथ होने वाली बैठक में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि इस बार चार धाम यात्रा में स्कूल बसें नहीं भेजी जाएंगी, बल्कि अन्य प्रांतों से 350 वाहन हम आरक्षित रखेंगे। उल्लेखनीय है कि पर्यटन विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए 21 फरवरी से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया था। अबतक लाखों भक्त पंजीकरण करा चुके हैं।