हल्द्वानी: युवा ऋषभ पंत को भारत का भविष्य क्यों कहा जाता है एक बार फिर उन्होंने साबित कर दिया। जिस जीत को भारत की इतिहास डायरी गर्व से बताएगी, उस जीत की नींव उत्तराखंड निवासी ऋषभ पंत ने रखी थी। सिडनी टेस्ट में जो हुआ उस बारे में दशकों तक क्रिकेट जगत बात करेगा। भारत 407 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहा था। पांचवे दिन के दूसरे ही ओवर में कप्तान अजिक्य रहाणे आउठ हो गए। फैंस को लगा था कि हनुमा विहारी बल्लेबाजी के लिए उतरेंगे लेकिन टीम ने पंत को मैदान पर उतार दिया। पंत ने आते अपना स्वाभविक खेल खेला और उन्हें किस्मत का भी साथ मिला। उन्होंने चेतेश्वर पुजारा के साथ चौथे विकेट के लिए 148 रन जोड़े।
ऋषभ पंत (97) और चेतेश्वर पुजारा (77) रनों का योगदान दिया। दोनों पांचवे दिन के पहले सैशन में ऐसा खेले मानें मुकाबलों को जल्दी खत्म करना हो, वो तो ऑस्ट्रेलिया की किस्मत अच्छी रही, अगर 20 ओवर और खेल जाते तो मुकाबला भारत के पक्ष में जा सकता था। पंत को जिस काम के लिए टीम ने चौथे नंबर पर भेजा था उन्होंने वह किया। उन्होंने ना सिर्फ क्रीज पर वक्त बिताया बल्कि तेजी से रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को दिन में तारे दिखा दिए। 400 से ज्यादा का लक्ष्य देने वाली ऑस्ट्रेलिया ने शायद ही सोचा होगा कि वह मैच हार भी सकता है। पंत और पुजारा के आउट होने के बाद हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने आगे के काम को अंजाम तक पहुंचाया। विहारी ने 161 गेंदों पर सिर्फ नाबाद 23 रन बनाए और अश्विन ने 128 गेंदों पर नाबाद 39 रन बना 62 रनों की साझेदारी कर मैच ड्रॉ करा दिया।
ऑस्ट्रेलिया में पंत बनें नंबर वन
ऋषभ पंत का ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड कई दिग्गजों से अच्छा है। वह औसत के मामले में विराट कोहली, जो रूट और केन विलिमसन से भी आगे हैं। पंत का ऑस्ट्रेलिया में औसत 56.08 का है। उन्होंने 6 मुकाबलों में 512 रन बनाए हैं। इस लिस्ट में विराट दूसरे नंबर पर हैं। उनका ऑस्ट्रेलिया में औसत 54.08 है। यह आंकड़े पिछले 10 साल के हैं। भारत के चेतेश्वर पुजारा इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। उनका औसत 48 का है। यह लिस्ट विदेशी खिलाड़ियों की है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन किया है।
— haldwanilive (@haldwanilive1) January 11, 2021