पिथौरागढ़: सरोवर नगरी की झील देश के कोने कोने से लोगों को आकर्षित करती है। इसी तर्ज पर अब पिथौरागढ़ के थरकोट में भी झील तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि झील 2022 जनवरी तक तैयार हो जाएगी। जिससे पर्यटकों को भी आनंद मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए मौके भी मिल सकेंगे।
गौरतलब है कि पिथौरागढ़ में नैनीताल व भीमताल की तर्ज पर झील बने, ये सपना सालों पुराना है। इसके लिए रई और थरकोट में जगह प्रस्तावित थी। मगर थरकोट में ही बात आगे बढ़ सकी। थरकोट जिला मुख्यालय से करीब साल किमी की दूरी पर स्थित है। यहां कृत्रिम झील बनाने का काम पिछले साल ही शुरू हो गया था।
बता दें कि 29.73 करोड़ की लागत से बन रही 750 मीटर लंबी, 75 मीटर चौड़ी और 15 मीटर गहरी झील की कटिंग का कार्य पूरा हो चुका है। ये भी तय हो गया है कि जनवरी 2022 तक झील अंतिम रूप ले लेगी। दो लाख घन मीटर जल क्षमता वाली इस झील में पर्यटक नौकायन का लुत्फ उठा सकेंगे।
खास बात ये है कि इस झील से आस पास गांवों में पानी की समस्या भी कम हो सकेगी। स्थानीय लोग मछली पालन भी कर सकेंगे। जिससे रोजगार भी पैदा होगा। झील निर्माण से थरकोट और आस-पास के गांवों में नमी बढ़ेगी तो सब्जी उत्पादन भी बेहतर हो सकेगा।
थरकोट में झील के बनने से मुख्यालय के चारों ओर टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी तैयार हो जाएंगे। लाजमी है कि शहर के पूर्व में महाराज के पार्क, उत्तर में ट्यूलिप गार्डन, मोस्टामानू और दक्षिण में थरकोट झील होगी। इसलिए यहां आने वाले पर्यटकों को बड़ा ही आनंद मिल सकेगा।
पर्यटक अब मोस्टामानूं क्षेत्र में ट्यूलिप गार्डन में बैठकर हिमालय की चोटियों को निहार सकेंगे तो थरकोट झील में नौकायन का मजा लेंगे। साथ ही हवाई सेवा के शुरू हो जाने के बाद पर्यटन को गति मिलने की पूरी उम्मीद है।
डीएम डॉ. आशीष चौहान के अनुसार थरकोट झील पिथौरागढ़ जिले के विकास को पहिये लगाने में मदद करेगी। पानी में एडवेंचर से पर्यटक खुश होंगे तो वहीं मत्स्य पालन के जरिए लोगों को रोजगार मिलेगा।
बता दें कि नाबार्ड के सहयोग से बन रही थरकोट झील ने आकार ले लिया है। झील निर्माण के लिए जनवरी 2021 तक की समय सीमा तय कर दी गई है। निर्माण एजेंसी सिंचाई विभाग को झील निर्माण के लिए रात दिन कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।