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उत्तराखंड: गरीबी के कारण छूटा स्कूल, अब सरकारी अधिकारी संवार रहे हैं इन बच्चों का भविष्य

उत्तराखंड: गरीबी के कारण छूटी पढ़ाई लेकिन बना रहा जज़्बा, अब सरकारी अधिकारी संवार रहे हैं इन बच्चों का भविष्य

देहरादून: समाज में आज भी ऐसे नेक लोग मौजूद हैं जो मदद के लिए सदैव तत्पर हैं। स्कूली बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडराया तो यही लोग आगे आए। सबसे ज्यादा खुशी ये बात देती है कि समाजसेवी के साथ मिलकर सरकारी दफ्तरों में कार्यरत अधिकारियों ने भी भागीदारी निभाई। मुश्किल समय में गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाई से दूर नहीं होने दिया।

समाजसेवी सीमा पौड़ियाल की मुहिम के तहत यूट्यूब चैनल शिक्षा सबको पर आने वाली पीढ़ी को तैयार किया जा रहा है। सीमा के इस काम में अलग अलग विभागों में तैनात अधिकारी भी हाथ बंटा रहे हैं। फोन के द्वारा भी बच्चों की परेशानियां दूर की जा रही हैं।

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लिहाजा इसमें बच्चों की लगन और कुछ कर गुजरने के जज्बे की भी तारीफ करनी होगी। परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के बावजूद स्कूल जाना बंद हुआ, लेकिन पढ़ाई करने की सोच खत्म नहीं हुई। कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि इन बच्चों का आने वाला भविष्य बेहतर रहने वाला है।

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समाजसेवी सीमा पौड़ियाल बताती हैं कि यूट्यूब चैनल गैर व्यावसायिक है। साथ ही उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों के बच्चे भी मुहिम से जुड़ रहे हैं। सबसे पहला लक्ष्य उन बच्चों को शिक्षा देना है जो किसी कारण इससे वंचित रह गए हैं। समाज के विभिन्न वर्गों पर फोकस करना जरूरी है।

पिटकुल के अधिशासी अभियंता रीनू जोशी भारद्वाज ने बताया कि बच्चों के सवालों को दूर किया जाता है। समय मिलने पट यूट्यूब चैनल पर शिक्षा संबंधी वीडियो डाले जाते हैं। यूजेवीएनएल के अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार भारद्वाज ने कहा कि बच्चों की संख्या बढ़ रही है। रोज एक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने का लक्ष्य रहता है। जबकि यूजेवीएनएल के अन्य अधिशासी अभियंता सुधांधु चौधरी ने पढ़ाई के साथ शैक्षिक गतिविधियां कराई जा रही हैं क्योंकि मनोरंजन भी जरूरी है।

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