देहरादून: कोरोना संक्रमण में कमी आने के बाद सरकार ने अब प्रदेश के तमाम खिलाड़ियों को राहत दे दी है। खेल गतिविधियों को खोलने की अनुमति मिल गई है। अब स्टेडियम से लेकर ट्रेनिंग सेंटर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले जा सकेंगे। अभी सरकार ने तैराकी को भी मंजूरी प्रदान नहीं की है।
उत्तराखंड खेल सचिव एसए मुरूगेशन ने रविवार को एसओपी जारी की। जिसके तहत खेल केंद्रों व स्टेडियम में खिलाड़ियों को ही प्रवेश मिल सकेगा। इसके अलावा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज व गर्भवती महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
कोरोना के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए जिला स्तर पर कोविड टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जो तमाम गतिविधियों पर नजर रखेगी। लाइजन अधिकारी की तैनाती की जाएगी, जो कि प्रशिक्षुओं और कर्मचारियों का मार्गदर्शन और निगरानी करेंगे।
अधिकारी को खेल केंद्रों, कांप्लेक्स और स्टेडियम में सभी कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी दी गई है। सभी खेल केंद्रों, कांप्लेक्स, स्टेडियम, सरकारी व निजी संस्थानों में भी कोविड टास्क फोर्स गठित की जाएगी। लाइजन अधिकारी खेल परिसर में स्वच्छता सुनिश्चित करेगा।
यह अधिकारी आने वाले व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग कर इसे रजिस्टर में दर्ज करेगा। जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति होगी और सबके लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। प्रशिक्षण के दौरान मास्क पहनने से छूट रहेगी। स्लाट की व्यवस्था के साथ खेल गतिविधियां शुरू होंगी। दो स्लाट के बीच क्षेत्र को सैनिटाइज किया जाएगा।
हरेक खिलाड़ी को अपने निजी स्पोट्र्स किट व उपकरण का प्रयोग करना होगा। इसके अलावा एसओपी में कोच व सहयोगी स्टाफ के साथ ही जिम व फिजियोथेरेपी कक्ष के उपयोग, मेडिकल सेंटर में सावधानी और आवासीय प्रशिक्षु व कर्मचारियों के लिए अपनाई जाने वाली सावधानी का जिक्र भी किया गया है।
गौरतलब है कि अगर कोई भी कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो परिसर को बंद कर दिया जाएगा। बाहर प्रवेश द्वार पर ये सूचना भी चस्पा कर दी जाएगी। 24 घंटे बाद परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा। फिर स्वास्थ्य नोडल अधिकारी के दिशा-निर्देशों व निरीक्षण के बाद ही परिसर को खोलने की अनुमति दी जाएगी।