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रवि नेगी बने उत्तराखंड अंडर-23 क्रिकेट टीम के सहायक कोच, हल्द्वानी के HN इंटर कॉलेज से की है पढ़ाई


अभ्यास के दौरान रवि नेगी

हल्द्वानी: दो साल पहले उत्तराखंड को घरेलू क्रिकेट खेलने का मौका मिला। साल 2018 सीजन में पहली बार उत्तराखंड क्रिकेट टीम मैदान पर उतरी। सीनियर टीम के प्रदर्शन ने देश को बताया कि राज्य का भविष्य क्रिकेट के मैदान पर उज्जवल है। उस साल उत्तराखंड क्रिकेट कंसेंसस कमेटी ने राज्य क्रिकेट का संचालन किया था। साल 2019 में राज्य को मान्यता मिली और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को यह जिम्मेदारी बीसीसीआई ने दी… युवाओं का रास्ता दिखने लगा क्योंकि पहले राज्य को मान्यता नहीं थी तो दूसरे स्टेट पर युवाओं को निर्भर रहना पड़ता था।

हल्द्वानी के रवि नेगी बनें उत्तराखंड अंडर-23 टीम के सहायक कोच

मान्यता नहीं होने के वजह से कई खिलाड़ियों के करियर को उड़ान नहीं मिल पाई लेकिन उन्होंने क्रिकेट को अपना जीवन दे दिया। क्रिकेटर नहीं बने तो क्या… उन्होंने कोच के रूप में अपनी पहचान बनाई… और जब राज्य को मान्यता मिली तो उन्हें भी मौका मिला। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने आगामी सीजन के लिए उत्तराखंड अंडर-23 टीम के सहायक कोच के रूप में हल्द्वानी निवासी रवि नेगी को नियुक्त किया है। भले ही रवि नेगी करीब 25 साल पहले देहरादून शिफ्ट हो गए थे लेकिन उनका क्रिकेट हल्द्वानी से ही शुरू हुआ।

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उत्तराखंड अंडर-23 टीम के सहायक कोच बने रवि नेगी, हल्द्वानी से शुरू हुआ था सफर
अपने माता-पिता के साथ रवि नेगी

माता-पिता की सलाह ने दी हिम्मत

हल्द्वानी रामपुर रोड गन्ना सेंटर निवासी रवि नेगी के लिए क्रिकेटर से कोच बनने की राह बिल्कुल भी आसान नहीं थी। रवि नेगी कहते हैं कि राज्य में क्रिकेट नहीं था कभी-कभी इसी छोड़कर कुछ और करने का मन करता था लेकिन पिता प्रयाग सिंह नेगी और मां रमा नेगी ने ऐसा बिल्कुल नहीं करने की सलाह दी थी। पिता की सलाह को रवि ने अपनी ताकत बना लिया। हल्द्वानी में क्रिकेट के बारे में कोच नेगी कहते हैं कि 11 साल की उम्र में उन्होंने स्टेडियम जाना शुरू किया था। उस वक्त वह रामपुर रोड स्थित एचएन इंटर कॉलेज में पढ़ते थे। घर और स्टेडियम की दूरी 9 किलोमीटर थी और वह साइकिल से जाते थे। उस वक्त नहीं पता था कि क्रिकेट ही उनका करियर बन जाएगा.. लेकिन उनके परिश्रम व लगन को अभिभावकों ने समझा और इसी क्षेत्र में करियर बनाने की सलाह दी।

कोच मनोज रावत के साथ रवि नेगी

कोचिंग की दिशा में करियर

साल 1994 में परिवार के साथ वह हल्द्वानी से देहरादून शिफ्ट हो गए। डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी की.. देहरादून में उनकी मुलाकात मनोज रावत ( लेवल बी कोच बीसीसीआई) से हुई और इसे रवि नेगी अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट कहते हैं। राज्य में क्रिकेट नहीं था लेकिन करियर इसी क्षेत्र में बनाना था। पिता और कोच मनोज रावत की सलाह के बाद वह साल 2000 में लखनऊ चले गए। यहां से उन्होंने बीपीएड और एमपीएड किया। इसी दौरान उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए क्रिकेट भी खेला। इसके बाद वह साल 2004 में पटियाला गए और एनआईओएस किया। फिर देहरादून लौटने के वह अपने कोच मनोज रावत के साथ मिलकर देहरादून की प्रतिभाओं को निखारने में जुट गए। इस बारे में रवि नेगी कहते हैं कि मैं खुशनसीब हूं कि मुझे अपने कोच मनोज रावत के साथ काम करने का मौका मिला। अब वह सीनियर टीम के सहायक कोच बनें हैं और मुझे जूनियर टीम की सेवा करने का मौका मिला हैं।

कोच के रूप में डेब्यू

देहरादून की अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी में रवि नेगी ने मनोज रावत के साथ करीब डेढ़ दशक से ज्यादा कोचिंग की। इस दौरान एकेडमी से कई ऐसे खिलाड़ी निकले जिन्होंने भारतीय टीम से लेकर रणजी ट्रॉफी में उत्तराखंड का नाम रोशन किया। इस लिस्ट में बंगाल के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन, दिल्ली के कुनाल चंदेला, बंगाल के अभिषेक रमन, भारतीय अंडर-19 टीम के कप्तान आर्यन जुयाल, हिमाचल प्रदेश के प्रियांशु खंडूरी विजय हजारे में इतिहास का पहला दोहरा शतक लगाने वाले करणवीर कौशल ( उत्तराखंड), सन्नी राणा और धनराज शर्मा ( उत्तराखंड) और वैभव पवार, वैभव भट्ट शामिल हैं। रवि नेगी कहते हैं कि इस दौरान एसीए प्रबंधक आर पी ईश्वरन की ओर से भी काफी सपोर्ट मिला।

भारतीय खिलाड़ियों के साथ रवि नेगी

बीसीसीआई लेवल ए कोर्स में पाया दूसरा स्थान

साल 2018 में रवि नेगी ने बीसीसीआई कोचिंग कोर्स किया। कैंप का आयोजन कानपुर में हुआ और इसमें भारत के पूर्ण खिलाड़ी प्रवीण कुमार भी शामिल थे। उत्तराखंड के गर्व की बात यह रही कि दूसरे स्थान पर रवि नेगी रहे। इस बारे में कोच नेगी कहते हैं कि यह काफी अच्छा अनुभव था। कई सालों से भारतीय क्रिकेट और रणजी ट्रॉफी खेलने वाले खिलाड़ी कैंप का हिस्सा रहे थे। क्रिकेट में अनुभव सब कुछ होता है और उनके अनुभव ने मुझे काफी कुछ सिखाया। इसके बाद साल 2018 में मनोज रावत और रवि नेगी को यूसीसी ने टीम उत्तराखंड का सहायक कोच की भूमिका दी थी।

उत्तराखंड अंडर-23 क्रिकेट टीम के सहायक कोच

अपनी नियुक्ति पर रवि नेगी ने सीएयू का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी मैदान पर खेलने का लक्ष्य बनाता है और उसी तरह से कोच भी क्रिकेट में अपने करियर को सवारने की कोशिश करते हैं। मुझे खुशी हैं कि मैं अपने राज्य की टीम की सेवा कर पाऊंगा। उत्तराखंड टीम ने पिछले दो साल में घरेलू क्रिकेट में अपना प्रभाव छोड़ा है। पहले साल सीनियर टीम नॉकआउट में पहुंची थी। दूसरे साल अंडर-19 टीम ने कूच बिहार ट्रॉफी में सेमीफाइनल का सफर तय किया। यह दोनों रिजल्ट उत्तराखंड में टैलेंट का परिचय देने के लिए काफी है। बता दें कि मौजूदा वक्त में रवि नेगी देहरादून में हैं और निम्बस क्रिकेट एकेडमी में अपनी कोचिंग की सेवाएं दे रहे हैं।

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