हल्द्वानी: इस महीने से पहले तक उत्तराखंड राज्य का रिकवरी रेट तकरीबन 92 प्रतिशत के आस पास चल रहा था। कोरोना के मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज चल रहा था, लोग रिकवर भी हो रहे थे। कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी खासा कमी देखने को मिली थी। मगर दीपावली और त्योहारों से भरे इस हफ्ते में कोरोना ने बताना शुरू कर दिया है कि वो अब भी यहीं है।
आंकड़ों के मुताबिक हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में मंगलवार तक 79 मरीज भर्ती हो गए हैं। जिसमें से 40 मरीजों की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय और अस्पताल प्रबंधन और यहां के लोगों के भीतर भय पैदा हो रहा है।
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शहर के चर्चित सरकारी अस्पताल एसटीएच में ही कोरोना काल की शुरुआत से कोविड पॉज़िटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। कुछ समय तक यहां कोरोना की स्थिति सामान्य थी लेकिन दीपावली के बाद समीकरण बदलते दिख रहे हैं। अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित मरीजों की गिनती में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है जिसके वजह से शासन और आमजन में चिंता का माहौल बनना शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार करीबन दो हफ्ते पहले तक अस्पताल में 40 मरीज ही भर्ती थे। जिसमें गंभीर मरीजों की गिनती कुल 10 से 15 थी। लेकिन पिछले हफ्ते भर से यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि आंकड़े धीरे धीरे फिर से बढ़ने लगे हैं। उन्होंने कहा कि रोज़ाना एक दिन में पांच से सात नए मरीज भर्ती हो रहे हैं। जिले में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की गिनती लगातार बढ़ रही है। सोमवार को जिले में कोविड पॉज़िटिव मरीजों की संख्या 24 थी, वही संख्या मंगलवार को बढ़ कर 52 हो गई। बता दें कि 648 लोगों की जांच के बाद 52 मरीज प़जिटिव पाए गए हैं।
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उत्तराखंड में कोरोना की शुरुआत से ले कर अभी तक की स्थिति पर नज़र डाले तो, अब तक जिले में तकरीबन 7971 लोग कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं, जिसमें से 322 अभी भी सक्रिय हैं जबकि 7474 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना के आने के बाद से नैनीताल जिले में कोविड के कारण तकरीबन 175 मौतें भी हुई हैं। इसके अलावा अब तक करीब 96865 कोविड टेस्ट भी करवाए जा चुके हैं।
नैनीताल एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत ने बताया कि कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसके चलते अब टेस्ट सैंपलिंग बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की और साथ ही कहा कि सैनेटाइजेशन व मास्क पहनने के नियमों का सख्ती से पालन नहीं करने से समस्याएं और अधिक बढ़ सकती हैं।
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