हल्द्वानी: कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लागू हुए लॉकडाउन के वजह से बच्चों की पढ़ाई को भी नुकसान पहुंआ है। पूरा एकेडमिक ईयर भी प्रभावित हुआ। स्कूलों में पढ़ाई शुरू हुई तो सिलेबस पीछे हो गया। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं सरकार की प्राथमिकता रही है और उसकी तैयारियों पर वह लगी हुई है। वहीं अब बड़ा फैसला शिक्षा विभाग ने लिया है। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में एक से पांचवी तक इस साल परीक्षाएं नहीं होगी। इन कक्षाओं के विद्यार्थी ग्रेडिंग के आधार पर सीधे पास किए जाएंगे।सर्व शिक्षा अभियान के तहत दी गई गतिविधि आधारित पुस्तिका के आधार पर कक्षा एक से पांचवीं तक के सभी छात्रों को ग्रेडिंग देते हुए पास किया जाएगा।
शनिवार को शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से आदेश जारी किया गया। इसके अलावा सभी सरकारी और अशासकीय (सहायता प्राप्त) विद्यालयों में 22 अप्रैल से 25 मई के बीच कक्षा छह से नौ और 11वीं की गृह परीक्षाओं का आयोजन कराया जाएगा। आदेश के अनुसार वार्षिक परीक्षाएं 22 अप्रैल से 25 मई के बीच कराने के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले परीक्षाफल घोषित करना होगा। जूनियर हाईस्कूलों में परीक्षा और मूल्यांकन का काम बोर्ड परीक्षा के दौरान कराया जाएगा। ऐसे हाईस्कूल व इंटर कॉलेज, जहां वर्ष 2021 की बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र प्रस्तावित नहीं हैं और बोर्ड परीक्षा के दौरान गृह परीक्षा कराने के लिए शिक्षक उपलब्ध हैं, वहां गृह परीक्षाएं कराएं जाने पर विचार किया जा सकता है।
ऐसे स्कूल जो बोर्ड परीक्षा के केंद्र बनने के लिए प्रस्तावित हैं, वहां बोर्ड परीक्षाओं से पहले या बाद में गृह परीक्षा होंगी। अगर स्कूलों में भौतिक उपस्थिति के माध्यम से परीक्षा कराएंगे तो संबंधित जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी व प्रधानाचार्य को ध्यान रखना होगा कि इस दौरान वह कोविड-19 को लेकर जारी हुई एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित करें। आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी विद्यालय अपने संसाधनों को देखते हुए प्रश्नपत्र तैयार करेंगे और मूल्यांकन भी करेंगे। कक्षा छह से कक्षा नौ और 11वीं के ऐसे छात्र, जो स्कूल में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं उनके लिए ऑनलाइन या फिर अलग ऑफलाइन विकल्प देखना होगा।