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उत्तराखंड सरकार को तीर्थ पुरोहितों ने दिया श्राप, मंत्र पढ़कर कहा कभी सत्ता में नहीं आ पाओगे

उत्तराखंड सरकार को तीर्थ पुरोहितों ने दिया श्राप, मंत्र पढ़कर कहा कभी सत्ता में नहीं आ पाओगे

रुद्रप्रयाग: देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग अब तेज होती चली जा रही है। बीते दो सालों से सरकार से बोर्ड भंग करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने अब सत्ताधारी पार्टी को श्राप दे दिया है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा है कि कभी सत्ता में नहीं आ पाओगे।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में धामों की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित करने के लिए 2020 में देवस्थानम बोर्ड अस्तित्व में आया था। इससे पहले उत्तराखंड राज्य सरकार ने साल 2019 में यह निर्णय लिया था कि वैष्णो देवी में मौजूद श्राइन बोर्ड की तर्ज पर उत्तराखंड राज्य में भी एक बोर्ड का गठन किया जाए, जिसके अधीन सभी मुख्य मंदिरों को शामिल किया जाएगा।

अब 23 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड के गठन का नोटिफिकेशन जारी होते ही बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का अस्तित्व स्वतः समाप्त हो गया। क्योंकि, उत्तराखंड चारधाम यात्रा में साल 2020 तक संचालित परंपरा करीब 80 साल पुरानी थी।

बता दें कि साल 1939 में बदरी-केदार मंदिर समिति के लिए अधिनियम लाया गया था, ताकि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित रखने के साथ ही आने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। लेकिन देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के कारण करीब 80 साल पुराना बीकेटीसी निरस्त हो गया।

इसी बोर्ड को भंग करने की मांग तीर्थ पुरोहित बीते दो सालों से कर रहे हैं। लेकिन अब प्रदर्शन में खासा तेजी आ गई है। तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर प्रांगण से ही सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जहां से आपका समर्थन किया करते थे, वहीं से आपका विरोध कर रहे हैं। आप राम के नाम पर खा रहे हो, हम भी भगवान की संतान हैं।

तीर्थ पुरोहित ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता के लोभ में आप देहरादून में बैठे हो। हम रुद्राभिषेक व पूजा करने वालों को आपने नारेबाजी करने पर विवश कर दिया। हम सभी आपको श्राप देते हैं, कि आप कभी सत्ता में नहीं आ पाओगे। आपका जड़ मूल नाश हो जाएगा। हम इसके लिए हवन भी करेंगे। गौरतलब है कि अब सरकार के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों का ये प्रदर्शन चुनावों के मद्देनजर नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।

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